2023 में नियुक्त 710 शिक्षकों की गुहार सुनने वाला कोई नहीं
रायचूर. सरकारी नौकरी मिलने के बाद खुशी-खुशी नौकरी ज्वाइन करने वाले रायचूर जिले के 710 स्नातक प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों को राज्य सरकार ने शुरुआती पांच महीने का वेतन नहीं दिया है। दो साल से सरकार से गुहार लगाने के बावजूद बकाया वेतन का एक भी पैसा जारी नहीं किया है।
6 नवंबर 2023 को काउंसलिंग के बाद नियमानुसार स्नातक प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों की भर्ती की गई है। दिसंबर में सभी 710 शिक्षक ड्यूटी पर उपस्थित हुए परन्तु नवंबर 2023 से मार्च 2024 तक वेतन का भुगतान नहीं किया गया।
शिक्षकों के साथ अन्याय
वित्तीय वर्ष 2024-2025 समाप्त होने के बाद भी शिक्षा विभाग शिक्षकों का बकाया वेतन देने को तैयार नहीं है। स्नातक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि यदि राज्य सरकार स्वयं शिक्षकों के साथ अन्याय करने लगे तो क्या होगा।
वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है
वे सरकार पर भरोसा कर इतने दिनों तक खामोश रहे और निजी ऋण तथा दूसरों से सहायता लेकर पांच महीने तक किसी तरह अपना गुजारा कर पाए थे। उनकी शिकायत है कि सरकार द्वारा उचित वेतन देने में आनाकानी करने के कारण शिक्षकों को वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अप्रेल के बाद शेष पांच महीने का वेतन मिल जाएगा
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 2023 में राज्य सरकार ने नवनियुक्त शिक्षकों के वेतन सहित कोई बजट उपलब्ध नहीं किया है। इसके चलते उस वर्ष शिक्षकों को वेतन नहीं दिया है। अब मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग के मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है। इस बजट में अनुदान उपलब्ध करने का विश्वास है। इस वित्तीय वर्ष में वेतन बकाया नहीं मिल सकेगा परन्तु मुझे विश्वास है कि शिक्षकों को अप्रेल के बाद शेष पांच महीने का वेतन मिल जाएगा।
–चंद्रशेखर रेड्डी, जिला अध्यक्ष, प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ, रायचूर
सरकार को लिखा पत्र
मेरे संज्ञान में आया है कि 2023 में नियुक्त 710 शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। हमारे स्तर पर कुछ भी नहीं है। शिक्षकों का बकाया वेतन जारी करने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है।
–के.डी. बडीगेर, उप निदेशक, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग