
प्राथमिकी दर्ज
हुब्बल्ली. हिंदी भाषा सीखने को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए 5.78 करोड़ रुपए को कथित तौर पर हेराफेरी करने के आरोप में धारवाड़ स्थित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (डीबीएचपीएस) के पूर्व कार्याध्यक्ष शिवयोगी नीरलकट्टी और अन्य के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है।
चेन्नई स्थित डीबीएचपीएस के मुख्य कार्यालय और दक्षिण भारत के विभिन्न हिस्सों में क्षेत्रीय संस्थानों में अनुदान के दुरुपयोग के बारे में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सतर्कता अधिकारी नीता प्रसाद ने सीबीआई को फरवरी 2022 में शिकायत दर्ज की है। सीबीआई की मदुरै भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने इसकी प्रारंभिक जांच की थी। डीवाईएसपी ए दंडपाणी की ओर से दायर शिकायत के आधार पर सीबीआई के बेंगलूरु भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है।
एपआईआर के अनुसार केंद्र सरकार स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी सीखने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कक्षाएं संचालित करने और हिंदी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए डीबीएचपीएस को अनुदान जारी कर रही है। 75 प्रतिशत अनुदान केंद्र से उपलब्ध हो रहा हो तो डीबीएचपीएस को अपने स्वयं के स्रोतों से 25 प्रतिशत का उपयोग करना चाहिए। वर्ष 2004-2005 और 2016-17 के दौरान इस तरह जारी हुए 5.78 करोड़ रुपए को धारवाड़ डीबीएचपीएस के तहत आने वाले आयुर्वेद कॉलेज, होम्योपैथी कॉलेज, लॉ कॉलेज और इंग्लिश मीडियम स्कूल के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए के बारे में प्रारंभिक जांच में पाया गया है।
संगठन के अध्यक्ष आर.एफ. निरलकट्टी, उनके पुत्र शिवयोगी आर. नीरलकट्टी (कार्याध्यक्ष थे) और अधिकारियों के शामिल होने का आरोप है। आर.एफ. निरलकट्टी की मौत हो चुकी है, इसलिए प्राथमिकी केवल शिवयोगी और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई है।