गांव में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हुआ
जारी है खुले में शौच की प्रथा
बागलकोट. गुलेदगुड्डा तालुक का हुल्लिकेरी एसपी गांव गुलेदगुड्डा शहर से 9 किमी दूर स्थित है। इस गांव में ज्यादातर कृषि और मजदूरी करने वाले मजदूर रहते हैं, बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। गांव में 850 से अधिक घर हैं और जनसंख्या चार हजार से अधिक है।
यह गांव पास की पर्वती ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसमें कुल 2 वार्ड हैं। प्रथम वार्ड में चार ग्राम पंचायत सदस्य हैं। दूसरे वार्ड में लम्बानी समुदाय के लोग हैं। यहां तीन ग्राम पंचायत सदस्य हैं। इसके बाद भी गांव में कोई महत्वपूर्ण काम नहीं हुआ है। ग्रामीणों को पर्याप्त जल निकासी व्यवस्था, पेयजल, सडक़, शौचालय और सीवेज प्रणाली की कमी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
जारी है खुले में शौच की प्रथा
अभी तक ग्राम पंचायत ने उचित सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण नहीं कराया है। गांव के बाहर एक शौचालय है। रखरखाव के बिना इसमें बदबू आती है। कुछ लोगों ने ग्राम पंचायत से अनुदान लेकर शौचालय बनवाए हैं, परन्तु वे भी अनुपयोगी हैं। गांव के लोग अभी भी खुले में ही शौच करते हैं।
अप्रयुक्त स्वच्छ पेयजल इकाई
ग्रामीण शिवु गोरवार ने कहा कि 5 वर्ष पूर्व स्कूल के पास गांव में स्वच्छ पेयजल इकाई स्थापित की गई थी। अब इसे अन्यत्र स्थापित किया गया है परन्तु इसके लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे ग्रामीणों के लिए स्वच्छ पेयजल भी मृगतृष्णा बन गया है। जल्द से जल्द पानी उपलब्ध कराना चाहिए।
नया बस स्टॉप बनाए
गांव के वरिष्ठ नागरिक लक्ष्मप्पा गोरवर ने कहा कि गांव का बस स्टॉप जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और उसकी टिन की छत गिर रही है। ऐसा लगता है कि यदि बरसात के मौसम में तेज हवा चली तो यह उड़ जाएगा। जल्द से जल्द नया बस स्टॉप बनाना चाहिए।
बीमारियों की संख्या में भी हुई वृद्धि
इमामसाब वालिकार ने कहा कि गांव में कोई उप-स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण बीमार पडऩे पर लोगों को गुलेदगुड्डा कस्बे पर निर्भर रहना पड़ता है। घरों के पास कूड़े के ढेर तथा सडक़ों पर जमा पानी के कारण मच्छरों के पनपने से लोगों में बीमारियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
लागू नहीं हुआ जल जीवन मिशन
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में घर-घर पानी की पाइप लाइन जोडऩे का काम अधूरा है। ठेकेदार ने काम अधूरा छोड़ दिया है, इसके चलते लोग ही बहुग्राम पेयजल पाइप से खुद कनेक्शन ले रहे हैं परन्तु पीने के पानी के लिए बोरवेल पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए केवल एक बोरवेल है। यदि स्थिति खराब हो जाती है तो दूसरे गांव से टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है। इस समस्या का स्थायी समाधान करना चाहिए। कृषि भूमि की कमी के कारण लोगों का उडुपी, मेंगलूरु, गोवा और महाराष्ट्र की ओर पलायन करना आम बात है।
कृषि को विकसित करने की आवश्यकता
गांव का विकास होना चाहिए। सार्वजनिक शौचालय, पेयजल सुविधा, अच्छी सी.सी. सडक़ें, स्वच्छ पर्यावरण तथा लिफ्ट सिंचाई के माध्यम से कृषि को विकसित करने की आवश्यकता है।
–रमेश बूदिहाल, पूर्व अध्यक्ष, ग्राम पंचायत, पर्वती
पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा
गांव की समस्याएं हमारे संज्ञान में आई हैं। ग्राम पंचायत सदस्यों को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और गांव के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वच्छ पेयजल संयंत्र की मरम्मत की जाएगी तथा पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
–शिवकुमार राजनाल, पीडीओ, ग्राम पंचायत, पर्वती