खाली पड़ा लिडकर भवन, प्रति माह 40 लाख रुपए का नुकसानचित्रदुर्ग के सर्किट हाउस के पास निर्मित सुसज्जित लिडकर भवन।

किराए के भवन में चल रही लिडकर की दुकान

चित्रदुर्ग. शहर के पर्यटन केंद्र के पास बाबू जगजीवनराम चमड़ा उद्योग विकास निगम लिमिटेड (लिडकर) की ओर से निर्मित व्यावसायिक परिसर और सभा भवन पिछले तीन वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, जिससे 40 लाख रुपए से अधिक किराए का नुकसान हो रहा है।

लिडकर को 2017 में मादार चन्नय्या स्वामी के नाम पर एक वाणिज्यिक स्टोर और एक हॉल का निर्माण के लिए 13.80 करोड़ रुपए जारी किए थे। 4 मंजिला व्यावसायिक भवन के निर्माण के लिए 6.80 करोड़ रुपए, ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 7.30 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।

40 लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ

दलित समुदाय के नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद काम पूरा हुआ और तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भवनों का उद्घाटन किया था। यदि सभी तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई होतीं और उद्घाटन के तुरंत बाद भवन को किराए पर दे दिया गया होता, तो वाणिज्यिक दुकानों से मासिक किराया 25 लाख रुपए और ऑडिटोरियम के लिए 15 लाख रुपए आय प्राप्त होता था परन्तु लिडकर प्रबंधन की ओर से किराया देने में बरती गई लापरवाही के कारण दोनों इमारतें जर्जर अवस्था में हैं। अनुसूचित जाति समुदाय के नेताओं ने लिडकर के प्रबंध निदेशक से बार-बार अपील की है कि भवनों को किराए पर देना चाहिए। प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं होने के कारण 40 लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।

हाईटेक भवन

लिडकर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स (वाणिज्यिक भवन) 130 गुणा 60 फीट के क्षेत्र में बनाया गया है और पूरे भवन को हाईटेक लुक दिया गया है। पार्किंग सहित सभी बुनियादी सुविधाएं भूतल पर उपलब्ध कराई गई हैं। वर्तमान में वहां आदिजाम्बव विकास निगम और अंबेडकर विकास निगम के जिला कार्यालय हैं। उन्होंने भी अपने दरवाजे बंद कर लिए हैं और वहां कोई नहीं दिख रहा है।

हर जगह धूल फैली है

दुकानों के शटर बंद हैं और हर जगह धूल फैली हुई है। यहां साफ-सफाई नहीं है और कूड़ा-कचरा चारों ओर बिखरा पड़ा है। रख-रखाव के अभाव में खिड़कियां और दरवाजे जगह-जगह टूट गए हैं। सफाई के अभाव में भूतल स्थित पार्किंग स्थल भी कूड़ाघर बन गया है।

किराए पर देने की मांग

लिडकर के एक कर्मचारी ने बताया कि प्रत्येक मंजिल पर स्थित दुकानों से न्यूनतम 4 से 5 लाख रुपए किराया मिलता है। विभिन्न सरकारी विभागों ने किराए पर देने की मांग की है परन्तु वरिष्ठ अधिकारियों ने अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं दिया है।

चारों ओर उगी हैं झाडिय़ां

मादार चेन्नय्या हॉल भी 150 गुणा 60 माप का आकर्षक ढंग से निर्मित है। इस हॉल में एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। अनुसूचित जाति के समारोहों के कार्यक्रमों के लिए 25,000 रुपए और अन्य समुदायों के लिए कार्यक्रमों के लिए 50,000 का किराया तय करने पर बातचीत हुई है। अभी तक इसका निर्माण नहीं लेने के कारण हॉल धूल फांक रहा है। चारों ओर झाडिय़ां उगी हैं।

प्रक्रिया पूरी नहीं होने से संदेहास्पद है

भवन का निर्माण पूरा होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने नियमानुसार किराया तय किया है। निविदाएं आमंत्रित कर तुरंत किराए पर दिया जा सकता है परन्तु अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं होने से संदेहास्पद है।

किराए के भवन में लिडकर की दुकान

एक कुशलकर्मी ने आरोप लगाया कि जिले में चमड़ा कारीगरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लिडकर ने एक विशाल भवन का निर्माण कराया है तथा कई दुकानें उपयोग के लिए तैयार हैं परन्तु शहर का लिडकर फुटवियर स्टोर 10 गुणा 10 के एक छोटे से किराए के कमरे में चल रहा है। बहुत से लोग नहीं जानते कि बीडी रोड पर स्थित लिडकर स्टोर वही है। कई चमड़ा श्रमिकों ने स्वरोजगार शुरू करने के लिए ऋण की मांग को लेकर आवेदन किया है। अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।

शीघ्र ही निविदा आमंत्रित की जाएगी

भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री रहे बसवराज बोम्मई ने जल्दबाजी में लिडकर कमर्शियल मॉल का उद्घाटन किया था। लंबित विद्युत स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है और दुकान को किराए पर देने के लिए शीघ्र ही निविदा आमंत्रित की जाएगी। बोर्ड की बैठक हो चुकी है और किराया पहले ही तय हो चुका है।
मुंडरगी नागराज, अध्यक्ष, लिडकर

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