बजट में जैन समाज के साथ अन्याय, आंदोलन करेंगेवरूर नवग्रहतीर्थ क्षेत्र के गुणधरनंदी महाराज।

गुणधरनंदी महाराज ने दी चेतावनी

अगर सरकार चलाने के लिए धन की कमी होगी तो हमें जो हिस्सा मिलेगा, हम उसे वापस कर देंगे

हुब्बल्ली. तालुक के वरूर नवग्रहतीर्थ क्षेत्र के गुणधरनंदी महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा कि राज्य बजट में जैन समुदाय की मांगों को नजरअंदाज किया गया है। जल्द ही समाज की बैठक आयोजित कर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

वरूर नवग्रहतीर्थ क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुणधरनंदी महाराज ने कहा कि यद्यपि बजट का आकार बढक़र चार लाख करोड़ रुपए हो गया है, फिर भी हमारे समाज को मिलने वाला अनुदान कम होता जा रहा है। इस बजट में अल्पसंख्यक समुदायों को केवल 100 करोड़ दिए गए हैं। इसमें से जैन, ईसाई, सिख और बौद्ध धर्मावलंबियों को बांटने पर 33 करोड़ रुपए मिलेंगे। यदि सरकार चलाने के लिए धन की कमी होगी है तो जैन समुदाय अपना हिस्सा लौटाने के लिए तैयार है।

उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि जैन विकास निगम की स्थापना समाज के शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है तथा समुदाय के नेता और स्वामी इसकी मांग करते रहे हैं। गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने भी निगम की स्थापना का वादा किया था परन्तु बजट में इसका प्रस्ताव न करके समाज के साथ अन्याय किया गया है।

गुणधरनंदी महाराज ने कहा कि वरूर नवग्रह तीर्थक्षेत्र के विकास के लिए 2 करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई थी। इसे पूरा नहीं किया। इससे पहले भी राज्य के प्रत्येक मठ को ढाई करोड़ रुपए देने की घोषणा की गई थी। अभी तक किसी भी मठ को पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वर्तमान बजट में दक्षिण कर्नाटक को दी गई प्राथमिकता उत्तर कर्नाटक को नहीं दी गई है। इसलिए, चालू वर्ष का राज्य बजट केवल दक्षिण कर्नाटक का बजट है।

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