गेहूं की फसल में दिखा उतार-चढ़ाव
व्यवसायी गौतम बाफना ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश के गेहूं की है खास विशेषता
हुब्बल्ली. इस वर्ष गेहूं की फसल में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, परन्तु संपूर्ण भारत में गेहूं उत्पादन स्थिर रहने की संभावना है। जलवायु परिवर्तन और कृषि तकनीकों में सुधार के कारण किसानों ने बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के प्रयास किए हैं। इस संदर्भ में, मध्य प्रदेश का गेहूं अपनी गुणवत्ता और पोषण मूल्य के कारण विशेष रूप से चर्चा में है।
गेहूं की फसल को लेकर शहर के जाने माने व्यवसायी एमडब्लयू समूह के गौतम बाफना ने हुए कहा कि इस वर्ष की फसल अच्छी गुणवत्ता के साथ बाजार में उपलब्ध हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट गेहूं प्राप्त होगा। किसानों और व्यापारियों को मध्य प्रदेश के गेहूं को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम गुणवत्ता का अनाज मिले।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,475 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने इसमें बोनस जोडक़र किसानों से 2,600 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने का निर्णय लिया है। हालांकि, मार्च 2025 में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, जिससे गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। यदि फसल उत्पादन प्रभावित होता है, तो बाजार में गेहूं की आपूर्ति घट सकती है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
बाफना ने कहा कि इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर गेहूं उत्पादन में मामूली वृद्धि का अनुमान है, जो आपूर्ति को स्थिर रख सकता है। हालांकि, घरेलू मांग और आपूर्ति के आधार पर स्थानीय बाजारों में कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, आने वाले दिनों में गेहूं की कीमतों में वृद्धि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। किसानों और व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की स्थितियों पर नजर रखें और उचित समय पर अपने उत्पाद का विपणन करें।
मध्य प्रदेश के गेहूं की विशेषता
उच्च गुणवत्ता वाला अनाज : मध्य प्रदेश का गेहूं विशेष रूप से शरबती और लोकवन किस्म के लिए प्रसिद्ध है, जो अपने सुनहरे रंग, बड़ी साइज और मिठास के लिए जानी जाती हैं।
बेहतरीन स्वाद और पोषण : इस गेहूं से बनी रोटियां नरम, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होती हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और खनिज अधिक मात्रा में होते हैं।
कम नमी की मात्रा : मध्य प्रदेश में उगाए गए गेहूं में नमी की मात्रा कम होती है, जिससे इसकी भंडारण क्षमता अधिक होती है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
रासायनिक कम, प्राकृतिक अधिक : यहां के किसान पारंपरिक और जैविक खेती को प्राथमिकता देते हैं, जिससे गेहूं की गुणवत्ता बेहतर होती है।
निर्यात की दृष्टि से महत्वपूर्ण : अपनी शुद्धता और उच्च ग्रेड क्वालिटी के कारण मध्य प्रदेश का गेहूं घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारी मांग में रहता है।
मध्य प्रदेश के गेहूं की उत्कृष्टता का प्रतीक है अर्चना और पूजा ब्रांड
गौतम बाफना ने कहा कि मध्य प्रदेश के समृद्ध और उपजाऊ खेतों से चयनित अर्चना और पूजा ब्रांड का गेहूं न केवल उच्च गुणवत्ता का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य, स्वाद और शुद्धता का भी प्रमाण है।
अर्चना और पूजा ब्रांड गेहूं की विशेषताएं
उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत शुद्ध मध्य प्रदेश गेहूं है। यह गेहूं विशेष रूप से शरबती और लोकवन जैसी सर्वोत्तम किस्मों से तैयार किया जाता है, जो अपनी बेहतरीन गुणवत्ता और मिठास के लिए प्रसिद्ध हैं। स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और आवश्यक खनिज होते हैं, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है।
बाफना ने कहा कि अर्चना और पूजा ब्रांड गेहूं से बनी रोटियां नरम, मीठी और लंबे समय तक ताजी बनी रहती हैं। इस गेहूं को सही नमी स्तर पर प्रोसेस किया जाता है, जिससे इसकी भंडारण क्षमता अधिक होती है और यह लंबे समय तक ताजा बना रहता है। यह गेहूं बिल्कुल बिना मिलावट, साफ-सुथरा और हाइजेनिक तरीके से पैक किया जाता है, जिससे उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित अनाज मिलता है।
उन्होंने कहा कि यह गेहूं पारंपरिक और जैविक तरीकों से उगाया जाता है, जिससे यह कम ग्लूटेन युक्त और सुपाच्य होता है। इसकी गुणवत्ता, स्वाद और पोषण इसे हर रसोई के लिए परफेक्ट चॉइस बनाते हैं। अर्चना और पूजा ब्रांड के गेहूं शुद्ध, पोषक और बेहतरीन गुणवत्ता वाले गेहूं हैं।