फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना के बावजूद स्थिति गंभीर
हुब्बल्ली. हुब्बल्ली में 5 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपी को 24 घंटे के भीतर मुठभेड़ के जरिए सजा दिए जाने से राहत की सांस मिली है परन्तु यह कब खत्म होगा यह डर मात्र खत्म नहीं हुआ है। क्योंकि पिछले एक साल में ही राज्य में नाबालिग लड़कियों, किशोरियों पर बलात्कार और यौन उत्पीडऩ के 3,900 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
पोक्सो अधिनियम के क्रियान्वयन और कानूनों को कड़ा करने के बावजूद, मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना के बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई है।
2024 में सबसे अधिक मामले दर्ज
वर्ष 2024 में 3,900 से अधिक मामले दर्ज किए गए, परन्तु कुछ मामलों में ही सजा हुई। 3,235 मामलों की जांच और सुनवाई चल रही है। राजधानी बेंगलूरु में पोक्सो अधिनियम के तहत सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार 2020 में 2,615 मामले, 2021 में 2,884 मामले, 2022 में 3,209 मामले और 2023 में 3,898 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अनुसार, 2024 में पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
कलबुर्गी शहर में सबसे कम 20 मामले दर्ज
पिछले वर्ष राज्य में 3,900 से अधिक पोक्सो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 2,597 मामलों की सुनवाई चल रही है और 638 मामलों की जांच चल रही है। बेंगलूरु शहर में 499 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि शिवमोग्गा, चिक्कबल्लापुर और तुमकूरु में क्रमश: 182, 164 और 152 मामले दर्ज किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार 2020 में 2,615 मामले, 2021 में 2,884 मामले, 2022 में 3,209 मामले और 2023 में 3,898 मामले दर्ज किए गए। कलबुर्गी शहर में सबसे कम 20 मामले दर्ज किए गए हैं।
बलात्कार के मामलों में वृद्धि
पोक्सो मामलों के अलावा राज्य में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और बलात्कार के मामलों में भी वृद्धि हुई है। 2020 में बलात्कार के 479 मामले दर्ज किए गए और 928 आरोपियों की पहचान की गई। इनमें से 622 को गिरफ्तार किया गया है। 2021 में 556 मामले दर्ज किए गए और 1,091 आरोपियों की पहचान की गई। इनमें से 800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2022 में 537 मामले दर्ज किए गए और 1124 आरोपियों की पहचान की गई। इनमें से 717 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वर्ष 2023 में 601 मामले दर्ज किए गए और 1175 आरोपियों की पहचान की गई।
इनमें से 773 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 2024 में 736 मामले दर्ज किए गए और 1438 आरोपियों की पहचान की गई। इनमें से केवल 869 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। फरवरी 2025 तक 124 मामले दर्ज किए गए हैं और 255 आरोपियों की पहचान की गई है। इसमें केवल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राजधानी में ही सब से अधिक
यह चौंकाने वाली बात है कि उच्च सुरक्षा के बावजूद, अधिकांश मामले बेंगलूरु शहर में सामने आए हैं। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए शहर में 3,000 स्थानों पर 7,500 कैमरे लगाना, अत्याधुनिक मोबाइल कमांड और कंट्रोल सेंटर वाहनों का उपयोग, शहर में 50 स्थानों पर सुरक्षा भूमि की स्थापना, निर्भया केंद्र और जनरल तिम्मय्या राष्ट्रीय साहसिक अकादमी की ओर से आत्मरक्षा प्रशिक्षण समेत दर्जनों परियोजनाएं विशेष रूप से महिलाओं के लिए ही शुरू की गई हैं, इसके बावजूद 2024 में सबसे अधिक 499 पोक्सो मामले बेंगलूरु में दर्ज किए गए हैं। इसी तरह, 2024 में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीडऩ के सबसे अधिक 751 मामले राजधानी में दर्ज किए गए हैं।
सबसे अधिक पोस्को मामलों की संख्या वाले जिले
जिला — संख्या
बेंगलूरु शहर — 499
शिवमोग्गा — 182
चिक्कबल्लापुर — 164
तुमकूरु — 152
हासन — 133
…….
बलात्कार और यौन उत्पीडऩ के मामले
वर्ष — यौन उत्पीडऩ मामले में सजा – बलात्कार मामले में सजा
2020 — 47 — 08
2021 — 31 — 07
2022 — 28 — 09
2023 — 19 — 00
2024 — 08 — 00
2025(फरवरी) — 00 — 00