हुब्बल्ली. राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि शहर में मुठभेड़ में मारे गए बिहार के रितेश कुमार के शव के अंतिम संस्कार को रोकने और तत्काल सुनवाई की मांग को लेकर सौंपी गई याचिका पर सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय को आरोपी रितेश के शव को आगे की जांच के लिए उपलब्ध कराने की खातिर दाह संस्कार नहीं करके दफनाया जाएगा।
पांच साल की बच्ची के साथ बलात्कार, गला घोंटने और हत्या करने वाले बिहार के अपराधी को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मुठभेड़ में मारे गए रितेश कुमार की हत्या पर आपत्ति जताई गई है।
मामले में आरोपी की लाश महत्वपूर्ण सबूत है, आरोपी के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्देश देने की मांग को लेकर मानवाधिकारों के लिए लडऩे वाले संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) और डॉ. मधु भूषण ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और न्यायाधीश केवी अरविंद की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि पुलिस के सबूत नष्ट करने की संभावना है। लॉजिस्टिक समस्याओं के कारण आवेदन तत्काल दायर नहीं किया जा सका। इसलिए याचिका पर तत्काल सुनवाई करनी चाहिए। कुछ देर विचार-विमर्श के बाद पीठ ने कहा कि वह आज ही याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी।
याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता शशिकरण शेट्टी ने कहा कि ऐसे मामलों में शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा परन्तु आगे की जांच में सहायता के लिए शव को दफनाया जाएगा। इससे जांच में कोई बाधा नहीं आएगी। रितेश के शव का पोस्टमार्टम कराना चाहिए। हमें इसका वीडियो बनाना चाहिए। रितेश के मृत शरीर के नमूने एकत्रित करने चाहिए। अदालत ने इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया और याचिका की सुनवाई स्थगित कर दी।