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आवेदकों को गलत दस्तावेज उपलब्ध कराने का मामला

हुब्बल्ली. जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने आवेदकों को गलत दस्तावेज उपलब्ध कराने के मामले में उप-पंजीयक कार्यालय के कर्मचारी और क्लर्कों पर जुर्माना लगाने का आदेश दिया है।

वकील नारायणराव सालुंके ने अपने मुवक्किल की ओर से अदालत में जमा किए जाने वाले जमीन खरीद संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए उप-पंजीयक कार्यालय में एक आवेदन दायर किया था।

कार्यालय के कर्मचारियों ने कंप्यूटर की समस्या का हवाला देते हुए उन्हें दोबारा आवेदन जमा करने को कहा था।
नारायणराव की ओर से दूसरी बार आवेदन दायर करने के बाद, उप-पंजीयक कार्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें गलत दस्तावेज उपलब्ध कराए। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए आयोग का रुख किया।

जांच करने वाले आयोग के अध्यक्ष ईशप्पा भूते और सदस्य विशालाक्षी बोलशेट्टी ने कहा कि उप-पंजीयक कार्यालय की कर्मचारी राजेश्वरी अरतगला, हीराबाई सोनेवाने और क्लर्क दीपक पतंग उचित दस्तावेज उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं। अत:, शिकायतकर्ता की ओर से दस्तावेज प्राप्त करने के लिए भुगतान किया गया 370 रुपए का आवेदन शुल्क वापस किया जाए। शिकायतकर्ता और उसके मुवक्किल को हुई मानसिक यातना और असुविधा के लिए 50,000 रुपए का मुआवजा और 10,000 रुपए का केस खर्च देने का आदेश दिया।

आयोग ने चिंता व्यक्त की कि यदि वकील को गलत दस्तावेज दिए गए, तो उप-पंजीयक कार्यालय आने वाले किसानों और अशिक्षित लोगों की क्या स्थिति होगी।

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