आवारा मवेशियों और श्वानों के नियंत्रण पर कार्रवाईहुब्बल्ली के देशपांडे नगर स्थित सवाई गंधर्व कला भवन में हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम की ओर से आवारा श्वानों और मवेशियों की समस्या के समाधान के लिए आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए महानगर निगम आयुक्त रुद्रेश घाली।

बैठक में महानगर महापौर ज्योति पाटिल ने कहा

श्वानों की नसबंदी बढ़ाने के दिए निर्देश

हुब्बल्ली. आवारा मवेशियों और श्वानों की समस्या से मैं परेशान हो चुका हूं। प्राणी दया संघ की तरह मानव संरक्षण संस्था बनाई जाए। अगर जानवरों की तादाद ज्यादा हो गई है, तो हमें ही मार डालिए। शहर में श्वानों के काटने की घटनाएं बढ़ गई हैं। वे रास्ते में हमला करते हैं और रात भर भौंकते रहते हैं। मैं बीपी (ब्लड प्रेशर) का मरीज हूं। इनकी परेशानी के कारण मुझे रातभर नींद नहीं आती। क्या मुझे जीना चाहिए या नहीं?

यह दर्दनाक बयान शनिवार को देशपांडे नगर स्थित सवाई गंधर्व कला भवन में हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम की ओर से आवारा श्वानों और मवेशियों की समस्या के समाधान के लिए आयोजित बैठक में जनता ने साझा किया।

बैठक में कई लोगों ने कहा कि कुछ लोग हर जगह कचरा और मांस के टुकड़े फेंकते हैं, जिससे श्वानों की संख्या बढ़ रही है। कुछ लोग अपने मवेशियों को पाल नहीं पाते, इसलिए उन्हें सडक़ों पर छोड़ देते हैं। हमने कई बार शिकायत की, परन्तु नगर निगम ने कोई कदम नहीं उठाया।

नगर निगम में विपक्ष नेता इमरान यलिगार ने कहा कि नगर निगम के पशु चिकित्सकों के अनुसार, हुब्बल्ली-धारवाड़ में लगभग 30,000 आवारा श्वान हैं। यदि हर महीने 400 श्वानों की नसबंदी की जाती तो समस्या इतनी नहीं बढ़ती। यदि आवारा मवेशियों को चिन्हित किया जाए, तो समाधान संभव है।

नगर निगम के पार्षद नजीर अहमद होन्याल, सुवर्णा कल्लकुंटला, आरिफ भद्रापुर, उमा मुकुंद, मोहम्मद इकबाल नवलूर आदि ने भी आवारा मवेशियों और श्वानों की समस्या पर असंतोष को जाहिर किया।

पार्षदों और पशु प्रेमियों की सलाह सुनने के बाद महापौर ज्योति पाटिल ने कहा कि आवारा मवेशियों और श्वानों की समस्या का समाधान 2-3 महीनों में किया जाएगा। जो भी नियम लागू होंगे, वे सभी पर समान रूप से लागू होंगे। जनता, पशु प्रेमियों और पार्षदों का सहयोग जरूरी है। यदि एनजीओ श्वानों को गोद लेने को तैयार हों, तो नगर निगम निर्णय लेगा।

उन्होंने कहा कि महानगर निगम क्षेत्र में सिर्फ एक ही पशु चिकित्सक है। इसलिए हुब्बल्ली और धारवाड़ के लिए अलग-अलग चिकित्सकों की नियुक्ति का आयुक्त को निर्देश दिया गया है।

उपमहापौर संतोष चव्हाण, पार्षद राजन्ना कोरवी, शिवु हिरेमठ, चंद्रिका मेस्त्री, प्रीति लदवा, कविता कब्बेर आदि मौजूद थे।

श्वान पकडऩे के लिए 30 लोगों की नियुक्ति

महानगर निगम आयुक्त रुद्रेश घाली ने कहा ने कहा कि 90 प्रतिशत आवारा मवेशी निजी लोगों के हैं। उन्हें ले जाने के लिए 15 दिन से 1 महीने की मोहलत दी जाएगी, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। श्वानों की समस्या के लिए एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) ही एकमात्र समाधान है। जल्द ही 3-4 एबीसी केंद्र स्थापित किए जाएंगे और रोजाना 100 श्वानों की नसबंदी का लक्ष्य रखा जाएगा। अभी सिर्फ 9 श्वान पकडऩे वाले हैं, अब 30 लोगों की नियुक्ति की जाएगी।

पशु प्रेमियों के सुझाव

एनिमल वेलफेयर इंडिया की सदस्य प्रियंका, एनजीओ सदस्य भानुचंद्र होसमनी और अन्य पशु प्रेमियों ने सुझाव दिए कि जो लोग पालने के बाद श्वानों को सडक़ पर छोड़ते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। एबीसी नियमों को ठीक से लागू करनी चाहिए। श्वानों के लिए अलग आश्रय स्थल निर्धारित करना चाहिए।

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