पंचमसाली पीठ में नए स्वामी की नियुक्ति का निर्णयविजयानंद काशप्पनवर।

हुब्बल्ली. अखिल भारतीय लिंगायत पंचमसाली समाज ट्रस्ट के अध्यक्ष विजयानंद काशप्पनवर ने कहा कि कूडलसंगम की लिंगायत पंचमसाली पीठ में नए स्वामी की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है। यदि बसवजय मृत्युंजय स्वामी स्वयं पीठ छोड़ते हैं तो हमें खुशी होगी।

शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए काशप्पनवर ने कहा कि स्वामी के आचरण और व्यवहार में भारी बदलाव आया है। समाज के वरिष्ठों ने बैठक कर वैकल्पिक गुरु की नियुक्ति पर चर्चा की है। हम खुद स्वामी से पीठ छोडऩे को नहीं कहेंगे, अगर वे खुद छोड़ते हैं तो अच्छा है।

उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी और 2008 में बसवजय मृत्युंजय स्वामी को पीठाधीश नियुक्त किया गया था। स्वामी को बसव सिद्धांत के प्रचार को प्राथमिकता देनी चाहिए थी, परन्तु वे राजनीतिक पार्टी के बैनर तले बैठते हैं, तबादलों की सिफारिश करते हैं और किसी एक व्यक्ति के पक्ष में बात करते हैं। वे मठ में न रहकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते हैं और मोबाइल पर प्रचार में लगे रहते हैं।

काशप्पनवर ने कहा कि ट्रस्ट नियमों के अनुसार, स्वामी को व्यक्तिगत संपत्ति रखने की अनुमति नहीं है। फिर भी बेलगावी में दो घर, हुब्बल्ली और बेंगलूरु में एक-एक घर उनके नाम पर हैं। मलप्रभा नदी के किनारे मठ बनाने और संस्थान का गठन कर स्कूल बनाने की बात कह रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है। ट्रस्ट के लिए हम ही वारिस हैं, सिर्फ पीठ को आगे ले जाने के लिए स्वामी को नियुक्त किया है।

उन्होंने कहा कि स्वामी के उकसावे से कुछ दिन पहले कुछ लोगों ने मठ का गेट तोडक़र अवैध प्रवेश किया। इस संबंध में मामला भी दर्ज हुआ है। मठ की रक्षा के लिए ट्रस्ट अध्यक्ष के तौर पर मैंने ही ताला लगाया था, जिसे स्वामी ने गलत बताते हुए मुझ पर आरोप लगाए हैं।

मठ में श्वान और सियार आते थे

काशप्पनवर ने कहा कि 2019 में जब स्वामी ट्रस्ट के खिलाफ काम कर रहे थे, तब उन्हें नोटिस भेजी गई थी। उन्होंने माफी मांगते हुए सही रास्ते पर चलने की बात कही थी। फिर भी वे मठ में नहीं रहे और लगातार बाहर घूमते रहे। भक्तों को दर्शन नहीं मिलते थे। यहां तक कि मठ में श्वान और सियार आते थे। मठ में अवैध गतिविधियां हो रही थीं। मठ की रक्षा के लिए मैंने वरिष्ठों से सलाह लेकर गेट बनवाया और सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे।

आरक्षण स्पष्ट किया जाए

विजयानंद काशप्पनवर ने कहा कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि लिंगायत पंचमसाली समाज को 2डी आरक्षण मिला है। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि समाज को 2डी आरक्षण चाहिए या 2ए? पिछली भाजपा सरकार की ओर से घोषित आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में स्टे है, जो हटने के बाद अमान्य हो जाएगा। फिर भी भाजपा नेता कह रहे हैं कि हमने आरक्षण दिया है।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों से आरक्षण छीनकर हमें दिया गया है, इस तरह के बयानों से भ्रम पैदा हो रहा है। नेताओं को साफ कहना चाहिए कि हमें 2डी चाहिए या 2ए कौन सा आरक्षण चाहिए।

काशप्पनवर ने मांग की कि केंद्र सरकार को सभी लिंगायत उप-समुदायों को ओबीसी आरक्षण देना चाहिए। जाति गणना के दौरान धर्म के कॉलम में लिंगायत और जाति कॉलम में पंचमसाली लिखवाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि स्वामी के अस्पताल में भर्ती होने की खबर भी प्रचार की एक रणनीति हो सकती है, वे पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

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