उडुपी. अनुसूचित जाति की एक नाबालिग लडक़ी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी बागलकोट जिले का मंजूनाथ एन. को दोषी ठहराते हुए पोक्सो अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीनिवास सुवर्ण ने 20 साल की कठोर कारावास और 25,000 रुपए का जुर्माना लगाकर आदेश सुनाया है।
इसके साथ ही अदालत ने पीडि़ता को सरकार की ओर से 1.50 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश भी दिया है।
आरोपी, पीडि़ता के भाई का दोस्त था। वह लडक़ी से फोन पर संपर्क कर “मैं तुमसे प्रेम करता हूं” कहकर उसे विश्वास में लिया। बाद में प्रेम संबंध के बारे में उसके भाई को बताने की धमकी देने लगा। जब पीडि़ता गदग जिले में अपनी नानी के घर गई थी, तब आरोपी ने उसे सुनसान जगह ले जाकर जबरन शारीरिक संबंध बनाए थे। उसने वीडियो के जरिए उसके भाई और परिजनों को भेजने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर रहा था।
मामले की जानकारी मिलने पर लडक़ी की मां ने शिकायत दर्ज की थी। तत्कालीन कार्कल डीवाईएसपी अरविंद कल्लगुज्जी ने आरोपपत्र दाखिल किया था।
सरकार की ओर से प्रमुख सरकारी वकील जयराम शेट्टी और पोक्सो अदालत के विशेष सरकारी वकील वाई.टी. राघवेंद्र ने पैरवी की।