अवैज्ञानिक आदेश को लेकर सरकार को लिखा पत्रहुब्बल्ली में राज्य शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ की धारवाड़ जिला इकाई की ओर से आयोजित समारोह में विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी का सम्मान करते हुए पदाधिकारी।

अतिरिक्त शिक्षकों का तबादला मामला

-सभापति होरट्टी ने कहा

हुब्बल्ली. विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी ने कहा कि सरकार ने शारीरिक शिक्षा और चित्रकला शिक्षकों को अतिरिक्त शिक्षक के रूप में चिन्हित कर उन्हें 240 से अधिक बच्चों वाले स्कूलों में तबादला करने का अवैज्ञानिक आदेश जारी किया है और मैंने इसकी कड़ी निंदा करते हुए सरकार को पत्र लिखा है।

वे शहर में राज्य शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ की धारवाड़ जिला इकाई की ओर से आयोजित समारोह में सम्मान स्वीकार कर ने के बाद बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि अधिकारी, जनप्रतिनिधियों को गुमराह करते हैं। अगर उन्हें प्रशासन और कानून का ज्ञान नहीं है, तो वे जो चाहें करते हैं। वे विशेष शिक्षकों को अतिरिक्त शिक्षक के तौर पर चिन्हित कर उनका तबादला करने को आगे आए थे। यह निर्णय किस आधार पर लिया गया और कानून में इसका कोई प्रावधान है या नहीं इस बारे में सवाल उठाते हुए सरकार को पत्र लिखा इसके आधार पर उन्होंने फिलहाल तबादला रोक दिया है। मैंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश और चेतावनी भी दी है।

होरट्टी ने कहा कि शिक्षकों के निर्वाचन क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि के तौर पर मैंने उनके लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने कई समस्याओं का समाधान किया है, परन्तु कुछ और समस्याओं का समाधान करना बाकी है। कर्मचारी एवं भर्ती (सी एंड आर) नियम, 2017 में संशोधन और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने की शिक्षकों की मुख्य मांगें हैं। कानूनी समाधान खोजने के लिए काम चल रहा है।

विधान परिषद के पूर्व सदस्य अरुण शहापुर ने कहा कि 45 वर्षों तक विधान परिषद की सेवा करना एक बड़ी उपलब्धि है। होरट्टी को शिक्षकों की सेवा के लिए और अधिक मेहनत करनी चाहिए, अपने रिकॉर्ड तोडक़र 50 वर्षों का कीर्तिमान स्थापित करना चाहिए। अगली बार होरट्टी को राजनीतिक दलों की ओर से गैर-पक्षपाती और निर्विरोध चुना जाना चाहिए। वैद्यनाथ आयोग की रिपोर्ट में ग्यारह मांगें पूरी कर दी गई हैं, और केवल सी एंड आर की मांग लंबित है।

शारीरिक शिक्षा शिक्षक रवि कोन्नूर ने प्रास्ताविक भाषण दिया। संघ की राज्य इकाई के अध्यक्ष चौडप्पा, महासचिव जी.आर. भट, होटल उद्यमी सुग्गी सुधाकर शेट्टी ने विचार व्यक्त किया। पी.डी. कालवाड़, बालराज, त्यागम्, प्रमोद रोणद, शाहिन बेगम, उषा होसमनी और राज्य के विभिन्न हिस्सों से शारीरिक शिक्षा शिक्षक उपस्थित थे।

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