शिवमोग्गा. वेतन संशोधन सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य परिवहन महासंघ की संयुक्त क्रियाशील समिति की ओर से बुलाई गई अनिश्चितकालीन हड़ताल को शिवमोग्गा जिले में परिवहन कर्मियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।
स्थायी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे, जिससे करीब 60 फीसदी केएसआरटीसी बसें सडक़ों पर नहीं उतरीं। शिवमोग्गा डिपो में रात में खड़ी रही बसें ही सुबह चलीं। दैनिक मार्गों पर बसों की आवाजाही प्रभावित रही, जिससे यात्री बस स्टैंड पर ही इंतजार करते रहे। हड़ताल की जानकारी न होने से कई लोग वापस लौट गए, जबकि कई लोग निजी बसों का सहारा लेने लगे।
ड्यूटी पर मजबूर करने का आरोप
एआईटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष महादेवू ने आरोप लगाया कि हड़ताल को स्थायी कर्मचारियों का पूरा समर्थन मिला है परन्तु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे ड्राइवरों और निजी चालकों को जबरदस्ती बुलाकर कुछ बसें चलाई जा रही हैं। शिवमोग्गा बस स्टैंड पर संयुक्त समिति समर्थित हड़ताल समर्थकों पर अधिकारी दबाव बना रहे हैं और उन्हें धमकाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणरत 20 चालकों को रात में बुलाकर बस स्टैंड पर रखा गया और अब उन्हें जबरन बसें चलाने के लिए भेजा गया है। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं और काम पर लौटने वालों को परेशान नहीं कर रहे हैं।
किसी को मजबूर नहीं किया गया
केएसआरटीसी शिवमोग्गा डिविजन के नियंत्रक टी.आर. नवीन ने कहा कि किसी को भी जबरदस्ती बस चलाने को नहीं कहा गया है। सोमवार को ही कुछ चालक अपनी मर्जी से ड्यूटी पर आए थे। हमें विश्वास है कि बाकी हड़ताल पर गए कर्मचारी भी जल्द ड्यूटी पर लौटेंगे। बस संचालन जल्द सामान्य हो जाएगा।
हड़ताल के चलते शिवमोग्गा केएसआरटीसी बस स्टैंड पर सख्त पुलिस बंदोबस्त किया गया है।
