9 अक्टूबर को न्यूयॉर्क में प्रदान किया जाएगा इक्वेटर इनिशिएटिव पुरस्कार
हुब्बल्ली. जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के तौर पर प्रसिद्ध, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से दिए जाने वाले इक्वेटर इनिशिएटिव पुरस्कार धारवाड़ जिले के कुंदगोल तालुक के तीर्थ गांव के बीबी फातिमा महिला संगठन को मिला है।
इस वर्ष का पुरस्कार चयन “प्रकृति-आधारित तापमान नियंत्रण में महिलाओं और युवाओं का नेतृत्व” विषय पर आधारित था, जिसमें 103 देशों के लगभग 700 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। अर्जेंटीना, ब्राजील, पेरू, इंडोनेशिया, केन्या, तंजानिया, पापुआ न्यू गिनी, इक्वाडोर जैसे देशों की संस्थाओं के साथ भारत का बीबी फातिमा महिला संगठन भी इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का विजेता बना है। पुरस्कार में 10,000 अमरीकी डॉलर (लगभग 8.5 लाख रुपए) की नकद राशि शामिल है, जिसे 9 अक्टूबर को न्यूयॉर्क में प्रदान किया जाएगा।
प्राकृतिक तरीके से मिश्रित फसल पद्धति
सहज समृद्ध समूह से जुड़े इस महिला संगठन ने वर्षा-आधारित खेतों में पर्यावरण-अनुकूल खेती पद्धतियों को अपनाना, सामुदायिक बीज बैंक की स्थापना, खाद्य और पोषण सुरक्षा, मोटे अनाज की खेती, प्रसंस्करण इकाइयों का संचालन और मूल्यवर्धन जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। विशेष रूप से, लगभग 30 गांवों में मोटे अनाज आधारित मिश्रित फसल पद्धति को प्राकृतिक तरीके से फिर से लोकप्रिय बनाना इस संगठन की विशेष उपलब्धि है।
सामुदायिक बीज बैंक स्थापित
साल 2018 में मात्र 15 महिलाओं के साथ स्थापित बीबी फातिमा महिला संगठन ने सतत कृषि के माध्यम से छोटे और अति-छोटे किसानों के जीवनयापन को सुधारने की दिशा में प्रयास शुरू किए। संगठन ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम देसी बीज किस्मों के संरक्षण को प्राथमिकता दी है और अब तक सैकड़ों किस्मों के मोटे अनाज के बीजों को सुरक्षित रखा है। इन बीजों को इच्छुक किसानों को नि:शुल्क वितरित करने के लिए सामुदायिक बीज बैंक भी स्थापित किया गया है।
महिला सशक्तिकरण संभव
मुस्लिम समुदाय की उपलब्धियों को पहचान कर पुरस्कार के लिए चुना जाना गर्व की बात है। हमारे प्रयासों से प्रेरित होकर तालुक में कई महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। बीबी फातिमा महिला संगठन का मॉडल गांव स्तर पर कृषि-आधारित आर्थिक गतिविधियों के लिए अन्य स्थानों पर भी अपनाया जा सकता है। इससे महिला सशक्तिकरण संभव है।
–बीबीजान हलेमनी, अध्यक्ष, बीबी फातिमा महिला संगठन