डॉ. डी.एन. पाटिल ने कहा
कलबुर्गी. जानेमाने कन्नड़ विशेषज्ञ प्रो. डॉ. डी.एन. पाटिल ने कहा कि वचनकार नुलिय चंदय्या ने अपने वचनों के माध्यम से लोगों को कायक (कर्म) का संदेश दिया है। उन्होंने एक कयाकर से कायक योगी, और एक चलित सेवक से शिव शरण तक का सफर तय किया है।
पाटिल कलबुर्गी में जिला प्रशासन, कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग, नगर निगम और जिला पंचायत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित नुलिय चंदय्या जयंती समारोह के दौरान नुलिय चंदय्या के भावचित्र पर माल्यार्पण करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि नुलिय चंदय्या कायक करने वाले जीवों और शरण की भावना के आदर्श थे, जो भगवान के लिए मंदिर के चक्कर नहीं लगाते थे। बल्कि अपने काम के माध्यम से, वे अपने चारों ओर लिंग भगवान के साथ रहते थे। यद्यपि उन्होंने अनुभव मंडप में अपने द्वारा सही समझे गए विचारों का बहुत कठोर उत्तर दिया, फिर भी उनकी भाषा अत्यंत कोमल थी। अब तक उनके 48 वचन चंदेश्वर लिंग के नाम से उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
महंतेश्वर मठ के वीर महंत शिवाचार्य के सानिध्य में आयोजित समारोह में जिला कोरव समाज के अनेक पदाधिकारी, अधिकारिगण उपस्थित थे। कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग की उपनिदेशक जगदीश्वरी ए. नासी ने स्वागत किया। इससे पूर्व, नुलिया चंदय्या के भावचित्र की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।