विभिन्न क्षेत्रों में सेवा करने वालों को सम्मानित करना सराहनीय कार्य बेंगलूरु में हुब्बल्ली के उद्योगपति डॉ. वी.एस.वी. प्रसाद को प्रतिष्ठित बसव पुरस्कार प्रदान किया गया।

डॉ. शिवरात्रि देशिकेंद्र ने कहा

उद्योगपति डॉ. वी.एस.वी. प्रसाद को प्रतिष्ठित बसव पुरस्कार प्रदान

हुब्बल्ली. मैसूर सुत्तूर पीठ के जगद्गुरु डॉ. शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामी ने कहा कि 12वीं सदी के जगज्योति बसवन्ना के सिद्धांतों को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ-साथ, विभिन्न क्षेत्रों के साधकों को पहचानकर सम्मानित करने का और उन्हें प्रोत्साहित करने का बसव परिषद का कार्य अत्यंत सराहनीय है।

बेंगलूरु के भारत स्काउट्स एंड गाइड्स परिसर के कोंडज्जी बसव सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामी ने कहा कि कर्नाटक विश्वविद्यालय के बसवपीठ रजत महोत्सव कार्यक्रम में जब वे गए थे, तब डॉ. प्रसाद भी उनके साथ थे और बसवपीठ को उन्होंने पर्याप्त सहयोग दिया था। अपने व्यवसाय के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक सेवा में भी योगदान दिया है। कोई भी व्यक्ति मदद के लिए उनके पास आता है तो वे बिना सोचे तुरंत सहायता करते हैं, यह गुण सराहनीय है। ऐसे उद्योगपतियों को पहचानकर बसव परिषद की ओर से प्रतिष्ठित बसव पुरस्कार दिया जाना गर्व की बात है।

इस्रो के पूर्व अध्यक्ष ए.एस. किरणकुमार, पूर्व मंत्री एस.आर. पाटील, अभिनेत्री व राजनेत्री उमाश्री, शामनूर गणेश सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को बीते चार वर्षों से बसव पुरस्कार प्रदान किया है।

अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने कहा कि आज समाज में केवल धन और सत्ता की पूजा होती है, ईमानदार लोगों की कद्र नहीं। भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया है कि ईमानदार व्यक्ति खुद नहीं खाता और दूसरों को भी नहीं खाने देता, ऐसी धारणा बन गई है। समाज की मानसिकता बदलनी होगी। बुजुर्गों की ओर से स्थापित मूल्यों को अपनाकर संतोष में रहने पर लालच पैदा नहीं होगा। कई बीमारियों की दवा है, परन्तु लालच की कोई दवा नहीं है। अगर समाज नहीं बदला तो आगे गंभीर समस्याएं खड़ी होंगी।

पुरस्कार ग्रहण करते हुए डॉ. वी.एस.वी. प्रसाद ने कहा कि उन्हें कई सम्मान मिले हैं, परन्तु बसव परिषद की ओर से महा मानवतावादी बसवन्ना के नाम पर दिया गया यह पुरस्कार विशेष है। “कायकवे कैलास” (काम ही कैलास है) के सिद्धांत से प्रेरित होकर उन्होंने काम को ईश्वर और जीवन माना, हर व्यक्ति को अपने काम में निष्ठावान रहना चाहिए और श्रम का सम्मान करना चाहिए, यही सोच आज उन्हें इस पुरस्कार तक लाई है।

कार्यक्रम में अभिनेत्री व पूर्व मंत्री उमाश्री, बसव परिषद की अध्यक्ष रेखा हिरेमठ, महासचिव महांतेश हिरेमठ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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