कोप्पल को जिला बनाने में भवरलाल सुराणा ने निभाई निर्णायक भूमिकाभवरलाल सुराणा।

कोप्पाल. कर्नाटक के कोप्पल जिले के गठन का श्रेय लंबे संघर्ष और जनआंदोलन को जाता है, परन्तु इस पहल का पहला बीज स्व. भवरलाल सुराणा ने 1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को व्यक्तिगत रूप से ज्ञापन सौंपकर बोया था।

दक्षिण काशी” और जैन संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में जाने जाने वाले कोप्पल को जिला बनाने की योजना आजादी के पूर्व काल से चल रही थी। 10 सितम्बर 1955 को तुंगभद्रा बांध के उद्घाटन समारोह में भवरलाल सुराणा ने भीड़ और सुरक्षा घेरे को पार कर पंडित नेहरू को ज्ञापन सौंपा, जिसमें कोप्पल को जिला बनाने की मांग रखी गई थी। नेहरू ने ज्ञापन पढक़र भवरलाल को 100 रुपए का इनाम देकर प्रोत्साहित किया था।

अगले कई दशकों तक नजुंडप्पा, गद्दिगौडऱ और हुन्डेकार समितियों ने अध्ययन किया, जिसके बाद 1 अप्रेल 1998 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जेएच पटेल के आदेश से कोप्पल को जिला घोषित किया गया।

भवरलाल न केवल समाजसेवी थे बल्कि व्यापार, कृषि उन्नति, खाद्य व्यापार, और ग्रेनाइट खनन में दूरदर्शी पहल करने वाले भी थे। उनका योगदान कोप्पल की आर्थिक और सामाजिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में अहम रहा।

यह जानकारी श्रेणिक सुराणे ने दी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *