मतदाता सूची में गड़बड़ियों को छिपाने की कोशिशश्रम एवं धारवाड़ जिला प्रभारी मंत्री संतोष एस. लाड।

मंत्री संतोष लाड ने चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप

हुब्बल्ली. श्रम एवं धारवाड़ जिला प्रभारी मंत्री संतोष एस. लाड ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची को डिजिटल रूप में उपलब्ध नहीं करा रहा है। इसमें हुई गड़बडिय़ों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।

धारवाड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री लाड कहा कि राहुल गांधी हर भारतीय के मताधिकार की बात कर रहे हैं। यदि वे मतदाता सूची में हुई गलतियों पर चुनाव आयोग से सवाल पूछते हैं, तो इसमें भाजपा को आपत्ति क्यों है? आयोग और भाजपा का आपस में क्या संबंध है?

उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची की विशेष समग्र पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) के दौरान 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए, और क्या इसकी जानकारी भाजपा नेताओं के पास पहले से थी।

मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के समय मतदाता सूची में 32 लाख मतदाता जोड़े गए, और विधानसभा चुनाव में यह संख्या 42 लाख बढ़ी। केवल छह महीने में इतनी बड़ी बढ़ोतरी कैसे हुई? अब बिहार में 62 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, इसका क्या मतलब है?

चुनाव की अवधि पर सवाल

चुनाव की अवधि पर सवाल उठाते हुए संतोष लाड ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में लोकसभा चुनाव 20 से 25 दिनों में पूरे हो जाते थे, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार के दौर में इन्हें पूरा करने में 70 से 90 दिन लग रहे हैं।

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