हुब्बल्ली. धारवाड़ शहर के कृषि विश्वविद्यालय, इस्रो और नासा के संयुक्त उपक्रम “एक्सियोम-4” परियोजना के तहत अंतरिक्ष में भेजे गए हरे मूंग और मेथी के बीज इस सप्ताहांत तक वापस कृषि विश्वविद्यालय पहुंचने वाले हैं।
ये बीज अमरीका से दुबई पहुंच चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय विमानन नियमों के अनुसार अब बेंगलूरु लाकर वहां से धारवाड़ भेजे जाएंगे।
पहली बार इन दालों को शुभांशु शुक्ला के साथ अंतरिक्ष में भेजा गया था। वहां उनका अंकुरण हुआ और अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि वे खाने योग्य हैं या नहीं।
ये बीज ही क्यों चुने गए?
आमतौर पर अंतरिक्ष यात्रियों को सलाद दिया जाता है परन्तु अधिकतर अंतरिक्ष यात्रियों में गुर्दे की पथरी, हड्डियों और हृदय से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर अंतरिक्ष यात्री हरे मूंग और मेथी का सेवन करें तो इन समस्याओं को रोका जा सकता है। इसी कारण इन्हें अंतरिक्ष में उगाया और परखा गया।
