बल्लारी. प्रचंड गर्मी और भीषण तपन के लिए प्रसिद्ध बल्लारी में, पिछले तीन वर्षों में अगस्त माह की सर्वाधिक वर्षा इस बार दर्ज हुई है। लगातार 15 दिनों से छाए घने बादलों ने सूर्य को झलकने तक नहीं दिया और पूरा जिला मलेनाड (पश्चिमी घाट) जैसा दिखाई दे रहा है।
इस अगस्त में जिले में औसतन 4.9 से.मी. बारिश होना अपेक्षित था, परन्तु अब तक 10.4 से.मी. वर्षा हो चुकी है। पिछले वर्ष (2024) की 19 अगस्त तक जिले में 6.97 से.मी. वर्षा दर्ज हुई थी, जबकि 2023 में मात्र 0.99 से.मी. वर्षा हुई थी, जिससे सूखे जैसे हालात बने थे।
भारी बारिश से जिले की सभी झीलें और तालाब लबालब भर गए हैं। हगरी नदी उफान पर है, नारीहल्ला जलाशय भी भरकर नदी में पानी छोड़ रहा है। दरोजी झील भी पूरी तरह भर चुकी है और चादर चली है। इस बीच, तुंगभद्रा जलाशय से भी भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नहरों में प्रचुर मात्रा में पानी बह रहा है।
तेज गति से बुआई
बल्लारी जिले में जून और जुलाई में कमजोर मानसून के कारण बुवाई धीमी गति से चल रही थी। माह की शुरुआत तक मात्र 50 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति हुई थी परन्तु अगस्त के पहले सप्ताह में मानसून के सक्रिय होते ही अब 84 प्रतिशत बुवाई पूर्ण हो चुकी है।
हरी चादर ओढ़ा धरातल
जिले में 84 प्रतिशत बुवाई पूर्ण होने और पिछले 15 दिनों से हो रही संतुलित वर्षा से फसलें भरपूर विकसित हुई हैं। खेत-खलिहान हरी चादर से ढके नजर आ रहे हैं। बल्लारी जिले की पहाड़ियां और टीले हरे-भरे हो उठे हैं, जिससे यहां का दृश्य मलेनाड क्षेत्र की याद दिला रहा है।