कोप्पल। जिले के गंगावती में हाल ही में अन्नभाग्य योजना के 250 क्विंटल चावल की अवैध ढुलाई पकड़े जाने से सरकारी व्यवस्थाओं की गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला उपनिदेशक (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) सोमशेखर बिरादार को पद से हटा दिया है।
मामला क्या है?
गंगावती के सरकारी गोदाम से अन्नभग्य योजना का चावल अवैध रूप से बाहर ले जाया जा रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। लेकिन इस पूरे प्रकरण की निगरानी करने में जिम्मेदार अधिकारी सोमशेखर नाकाम साबित हुए।
क्यों हुई कार्रवाई?
सरकारी आदेश में साफ कहा गया है कि अधिकारी ने मामले की सही तरीके से देखरेख नहीं की। विभाग को मांगी गई सूचना भी उपलब्ध नहीं कराई। नतीजतन, उन्हें पद से मुक्त कर मूल विभाग में लौटने का आदेश दिया गया।
सोमशेखर का कार्यकाल
पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में कार्यकारी अधिकारी रहे। बाद में उपनिदेशक के रूप में नियुक्त होकर कर्नाटक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम में जिला प्रबंधक का दायित्व संभाल रहे थे।
आगे की स्थिति
अब इस विभाग की जिम्मेदारी अतिरिक्त उपायुक्त सिद्रामेश्वर को सौंप दी गई है।सोमशेखर को तत्काल अपने मूल विभाग में रिपोर्ट करने के निर्देश मिले हैं।
बड़ा सवाल : कब रुकेगा राशन घोटाला?
यह पहली बार नहीं है जब अनाज माफिया और अवैध ढुलाई के मामले सामने आए हों। अन्नभाग्य योजना का अनाज गरीबों तक पहुंचने के बजाय काला बाजार में बेचा जाता है। अधिकारी और गोदाम स्तर पर मिलीभगत की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। यदि सख्त निगरानी और जवाबदेही तय न की जाए, तो ऐसे घोटाले भविष्य में भी दोहराए जाते रहेंगे।
जनता की चिंता
जनता का कहना है कि ग्रामीण गरीब परिवार, जिनके लिए अन्नभाग्य जैसी योजनाएं जीवनरेखा हैं। अगर अधिकारी ही मिलीभगत करेंगे तो गरीबों का हक कैसे मिलेगा?सरकार को केवल निलंबन या हटाने से आगे बढकर सख्त दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
