उडुपी- मणिपाल में होटल और दुकानें रात 11 बजे तक खुली रखने का निर्णयसत्यामूर्ति सभागार में हुई उडुपी नगर परिषद की सामान्य बैठक को संबोधित करते हुए नगर परिषद अध्यक्ष प्रभाकर पुजारी।

उडुपी. उडुपी और मणिपाल में होटल व दुकानों को रात 10 बजे तक ही बंद करने का नियम व्यापारियों और आम जनता के लिए असुविधाजनक साबित हो रहा था। इस विषय पर शुक्रवार को सत्यामूर्ति सभागार में हुई उडुपी नगर परिषद की सामान्य बैठक में गंभीर चर्चा हुई।

बैठक में निर्णय लिया गया कि होटल और दुकानों का व्यापार समय रात 11 बजे तक बढ़ाया जाए। यात्रियों, अस्पतालों के लिए आने वाले लोगों और बड़ी संख्या में छात्रों को देर रात भोजन में कठिनाई होती है। इसलिए नगर परिषद क्षेत्र में कम से कम 11 बजे तक दुकानों के खुले रहने पर सहमति बनी।

बैठक की अध्यक्षता प्रभाकर पुजारी ने की। विधायक यशपाल ए. सुवर्ण, उपाध्यक्ष रजनी हेब्बार, एईई दुर्गाप्रसाद और अन्य उपस्थित थे।

बैठक में उठे अन्य मुद्दे

सडक़ मरम्मत

लगातार बारिश से शहर की सडक़ों में गड्ढे बन गए हैं। स्थानीय सदस्य ने स्थायी मरम्मत की मांग उठाई। विधायक ने आश्वासन दिया कि बारिश थमने के बाद पैचवर्क कराया जाएगा।

मणिपाल बस अड्डा विकास

पिछले 10 वर्षों से बस स्टैंड और क्षेत्र का विकास अधर में है। टेंडर प्रक्रिया के बजाय तुरंत कार्यवाही करने की मांग की गई।

बिना पंजीकरण किराए के कमरे

अधिकारी ने बताया कि 9 महीने बीत जाने के बावजूद किराया पंजीकरण नहीं हुआ, जिससे परिषद को नुकसान हो रहा है। जिलाधिकारी की मंजूरी लंबित है।

व्यावसायिक भवन खाली

मणिपाल का वाणिज्यिक भवन अभी तक किसी को किराए पर नहीं दिया गया, जिससे नगर परिषद को करोड़ों का बोझ पड़ा है। आगे से पीपीपी मॉडल अपनाने की बात कही गई।

आवारा कुत्तों को भोजन स्थल

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आवारा कुत्तों को भोजन देने के लिए स्थल आरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया।

ई-खाता व बी-खाता अर्जियां

ई-खाता व बी-खाता की 750 अर्जियां आईं, जिनमें से 350 का निस्तारण हुआ। शेष को शीघ्र हल करने का आश्वासन दिया। हर सप्ताह सोमवार और मंगलवार को अर्जियों का निपटारा होगा।

अन्य शिकायतें

कई फाइलें नगर परिषद में गुम हो रही हैं। लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई।

अन्य समस्याएं

मलपे सेंट्रल में सीवरेज समस्या, कई क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट खराब, मलपे बीच पर गंदगी, नगर परिषद में 25 घास काटने की मशीनें होने के बावजूद कामगारों की कमी जैसी समस्याएं भी चर्चा में आईं।

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