ड्रिलिंग की अनुमति के लिए बेंगलूरु कंपनी ने केंद्र से लगाई गुहार
चिक्कमगलूरु. पश्चिमी घाट की गोद में बसे चिक्कमगलूरु जिले के तरिकेरे क्षेत्र में लगभग 10,100 एकड़ भूमि में सोने के भंडार मिलने का दावा किया गया है। इस संबंध में बेंगलूरु की निजी कंपनी ऑरम जियो एक्सप्लोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर परीक्षण के लिए ड्रिलिंग की अनुमति मांगी है।
कंपनी के अनुसार, इस इलाके में सोना मौजूद है परन्तु प्रति टन मिट्टी में कितने ग्राम सोना निकल सकता है, इसका पता लगाने के लिए करीब 1,000 स्थानों पर बोरवेल या ड्रिलिंग की जरूरत है। यदि केंद्र सरकार से अनुमति मिलती है, तो कोलार (केजीएफ) और रायचूर (हट्टी सोने की खदान) के बाद कर्नाटक में यह एक और बड़ी स्वर्ण खदान साबित हो सकती है।
जंगल और कृषि भूमि शामिल
कंपनी का कहना है कि 10,100 एकड़ में से 5,600 एकड़ इलाका पश्चिमी घाट के जंगल क्षेत्र में आता है, जबकि लगभग 3,600 एकड़ कृषि भूमि है। यहां पत्थरीली जमीन होने से सीधा परीक्षण कठिन है, इसलिए ड्रिलिंग आवश्यक है।
पहले भी किए सफल सर्वेक्षण
यही कंपनी इससे पहले सिंगनमने, तंबडिहल्ली, गोणिबिड्डु और होन्नुहट्टी क्षेत्रों में सोने की मौजूदगी की पुष्टि कर चुकी है, जहां प्रति टन मिट्टी से 19 से 80 ग्राम तक सोना मिला था।
पर्यावरण को लेकर चिंता
पर्यावरणविदों का कहना है कि तरिकेरे का जंगल क्षेत्र चीतों, भालुओं और कई दुर्लभ जीवों का आश्रय स्थल है। पश्चिमी घाट में पहले से ही विकास के नाम पर पर्यावरण क्षति और भूस्खलन जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार कंपनी के इस प्रस्ताव पर क्या रुख अपनाती है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
