जाति सर्वेक्षण की जोरदार तैयारी
कोप्पल. जिले में 22 सितंबर से शुरू होने वाले पिछड़ा वर्ग सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण की तैयारियां तेज हो गई हैं। जेस्कॉम (विद्युत निगम) के मीटर रीडरों की ओर से अब तक लगभग 40 प्रतिशत घरों की जियो टैगिंग पूरी कर ली गई है।
अधिकारियों के अनुसार, किसी भी घर को सर्वेक्षण से छूटने नहीं दिया जाएगा। जिन घरों में बिजली के मीटर हैं और जिनमें नहीं हैं, दोनों की पहचान की गई है और उन पर जेस्कॉम कर्मचारियों ने स्टिकर चिपकाए हैं।
90 दिनों में सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य
इस सामाजिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण को 90 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पहले चरण में घरों की सूची तैयार करना और नक्शा बनाना शामिल है। इसके साथ ही बिजली मीटर रीडिंग और बिलिंग के साथ प्रत्येक घर का जियो टैगिंग भी किया जा रहा है।
सर्वेक्षण का काम 22 सितंबर से 7 अक्टूबर तक (दशहरा अवकाश के दौरान) किया जाएगा। इसमें पिछड़े वर्गों समेत सभी समुदायों का डेटा इक_ा किया जाएगा। यह डेटा न केवल सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायक होगा, बल्कि भविष्य की योजनाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
3.5 लाख घरों का सर्वे
जिले में लगभग 3.5 लाख घर हैं। हर 150 घरों के लिए एक गणनाकार (एनेमरेटर) नियुक्त किया गया है। इसके लिए लगभग 3,000 शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। हर 20 गणनाकारों पर एक पर्यवेक्षक होगा। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जेस्कॉम की ओर से चिपकाए गए स्टिकर को कोई निकालें या खराब न करे, वरना सर्वेक्षण के डेटा संकलन में बाधा उत्पन्न होगी।
सर्वेक्षण की प्रक्रिया, सर्वेक्षण दो चरणों में होगा
घर सूचीकरण (हाउस लिस्टिंग) : गणनाकार हर घर पर जाकर बिजली कनेक्शन की आरआर संख्या दर्ज करेंगे और प्रत्येक घर को एक विशिष्ट “हाउस आईडी” देंगे। इस आईडी वाला स्टिकर घर के दरवाजे पर लगाया जाएगा।
गणना (एनेमरेशन) : इसके बाद गणनाकार अपने-अपने ब्लॉक में घर-घर जाकर आयोग की ओर से तैयार प्रश्नावली भरेंगे। इसमें परिवार के सभी सदस्यों का विवरण लिया जाएगा, जैसे नाम, उम्र, लिंग, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय, जाति-उपजाति, धर्म, मातृभाषा, आय का स्रोत, कुल आय और संपत्ति का विवरण।
सभी आंकड़ों को संकलित कर आयोग उनका विश्लेषण करेगा और अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।
हर शिक्षक को 150 घरों का सर्वेक्षण
22 सितंबर से शुरू होने वाले सर्वेक्षण के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। हर शिक्षक को 150 घरों का सर्वेक्षण करना है।
–नागवेणी, जिला अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
तेजी से चल रहा स्टिकर लगाने का काम
सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में घर-घर स्टिकर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। आधा काम पूरा हो चुका है और बाकी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
–मोटलानायक, एई, जेस्कॉम