प्रतिभा शैक्षणिक बोर्ड की सीमाओं में नहीं बंधी
हुब्बल्ली. कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण की ओर से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट प्रवेश में खेल कोटा से सीबीएसई और आईसीएसई छात्रों को बाहर किए जाने के फैसले से असंतोष बढ़ गया है। खिलाडिय़ों, अभिभावकों और शिक्षाविदों ने इस निर्णय को अन्यायपूर्ण करार देते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
इस संबंध में शिक्षाविद, संस्कार इंग्लिश मीडियम स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र सिंघी ने राज्य युवा केंद्र, बेंगलूरु स्थित युवा सशक्तिकरण एवं खेल निदेशालय के आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि खेल कोटा कई वर्षों से राज्य के प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाने का अहम माध्यम रहा है। लेकिन हालिया बदलाव से सैकड़ों योग्य छात्र, जिन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, निराश और हतोत्साहित हो रहे हैं।
प्रतिभा बोर्ड की सीमा से परे
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि खेल प्रतिभा किसी एक शैक्षणिक बोर्ड तक सीमित नहीं होती। सीबीएसई और आईसीएसई पृष्ठभूमि के छात्र लगातार राज्य और देश के लिए गौरव लाते रहे हैं। ऐसे छात्रों को खेल कोटा से वंचित करना न केवल असमानता पैदा करेगा, बल्कि खेलों में आगे बढऩे की उनकी प्रेरणा को भी प्रभावित करेगा।
सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपील
प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार को तुरंत इस निर्णय की समीक्षा कर खेल कोटा में सभी बोर्डों के छात्रों को समान अवसर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि खेल कोटा बहाल नहीं किया गया तो कई उभरते खिलाडिय़ों का भविष्य अधर में लटक जाएगा और राज्य की खेल प्रतिभा को भी गहरा धक्का पहुंचेगा।
