दुर्घटना पीड़ितों को त्वरित इलाज करेंजिलाधिकारी बी. फौजिया तरन्नुम।

जिलाधिकारी ने निजी अस्पतालों को दिए निर्देश

कलबुर्गी. जिलाधिकारी बी. फौजिया तरन्नुम ने निर्देश दिया है कि जिले के सभी निजी अस्पताल सडक़ दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों में प्राथमिक उपचार देने से इंकार नहीं करना चाहिए। चाहे मामला दुर्घटनावश हो या प्रेरित—जैसे जलन, गोली, जहरखोरी, आपराधिक हमला या अन्य चिकित्सा-कानूनी मामले—मरीजों का तुरंत इलाज करना चाहिए।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि रोगियों से अग्रिम भुगतान की शर्त नहीं रखनी चाहिए और उन्हें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर उपचार मिलना चाहिए। नियम का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर कर्नाटक निजी चिकित्सा संस्थान अधिनियम, 2007 की धारा 19(5) के तहत एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई अस्पताल पैसे मांगने या इलाज से इनकार करता है, तो जनता सीधे जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकती है।

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