ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी ने की मांग
हुब्बल्ली.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमिन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि ‘हर राजनीतिक पार्टी का मेनिफेस्टो कानून के दायरे में होना चाहिए। अगर इसमें दिए गए वादे पूरे नहीं किए गए तो ऐसी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
शहर में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘चुनाव के मौके पर पार्टियों द्वारा जारी किए गए मेनिफेस्टो झूठ से भरे होते हैं। इसके कानून के दायरे लाने पर मात्र लोगों से झूठे वादे करने से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद को कांग्रेस के शासन में तोड़ा गया था। उन्होंने इसके पुनर्निर्माण का वादा किया था। बाद में क्या हुआ? कांग्रेस पूर्व से ही वादे करती आई है। किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। अब घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने का जिक्र किया है। वह भी ऐसा ही होगा। यह एक फर्जी घोषणापत्र है।
ओवैसी ने कहा कि जगदीश शेट्टार आरएसएस की विचारधारा में पले-बढ़े और बीजेपी की प्रगति के लिए जिम्मेदार थे। अचानक, कांग्रेस नेता उन्हें पार्टी में शामिल कर धर्मनिरपेक्ष होने का हलफनामा देता है। क्या उन्होंने धर्मनिरपेक्ष प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नोटरी की दुकान खोल ली है? राज्य की जनता उनसे क्या उम्मीद कर सकती है?
उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी हारने के लिए उम्मीदवार नहीं उतारती। हमने कुछ योजनाएं और रणनीतियां बनाईं और राज्य के दो निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। हार से डरने वाले हमारी पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताकर आरोप लगा रहे हैं। इसमें कोई तत्य नहीं है।
मुस्लिम आरक्षण रद्द करने को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के मुताबिक मुस्लिम आरक्षण रद्द करना गैरकानूनी है। यह आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को दिया जाने वाला आरक्षण है।’
उन्होंने कहा कि पुरानी हुब्बल्ली दंगों में गिरफ्तार किए गए लोगों में से 90% निर्दोष हैं। कांग्रेस ने उन्हें समाजकंटक बताकर आलोचना करने के जरिए अपना असली रंग दिखाया है। ऐसा बयान देने वाली कांग्रेस को हुब्बल्ली- धारवाड़ पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में ही पैर नहीं रखना चाहिए। वहां के मुस्लिम समुदाय से वोट मांगने की नैतिकता नहीं है।
समान नागरिक संहिता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ओवैसी ने कहा कि “सरकार को पहले लोगों को संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों का आनंद लेने देना चाहिए।” हमें अपनी विरासत को जारी रखने का अधिकार है। ‘इसे कोई नहीं रोक सकता।
ओवैसी ने दी मोदी को चुनौती
टीपू के चित्र को हटाने को लेकर विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल की ओर से दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने ने कहा कि डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की मूल प्रति में टीपू सुल्तान का चित्र है। क्या इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हटाया जा सकता है?’
संविधान की मूल प्रति में राम-सीता, गुरु नानक, अकबर, टीपू सुल्तान की तस्वीरें हैं। जैसा चाहते हैं वैसा बयान देना ठीक नहीं है। किसानों के लिए उर्वरक की कमी, शिक्षित लोगों के लिए बेरोजगारी की समस्या और मूल्य वृद्धि के कारण लोग परेशान हैं। इनका समाधान नहीं कर पाने के कारण लोगों को गुमराह करने के लिए बयानबाजी कर समय बर्बाद कर रहे हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *