ग्रामीण शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में राज्य सरकार का बड़ा कदम

हुब्बल्ली. राज्य सरकार ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से धारवाड़ जिले में 18 सरकारी स्कूलों को ‘कर्नाटक पब्लिक स्कूल’ (केपीएस) के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण छात्रों को भी शहरी स्तर की शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

इन स्कूलों में एलकेजी से द्वितीय पीयूसी (12वीं कक्षा) तक की शिक्षा एक ही परिसर में दी जाएगी, जिससे छात्रों को निरंतर और समग्र शिक्षा प्राप्त होगी। इससे ड्रॉपआउट दर में कमी आने की उम्मीद है।

सरकार की योजना के अनुसार, केपीएस में कन्नड़ और अंग्रेजी माध्यम में एलकेजी से 5वीं कक्षा तक शिक्षा दी जाएगी। 6वीं से 10वीं कक्षा तक एकीकृत पाठ्यक्रम लागू होगा, जबकि 11वीं-12वीं कक्षा में विषय चयन की स्वतंत्रता दी जाएगी।

प्रमुख स्कूलों में कोळिवाड का आर.डी. पाटिल जीएचएस, अन्निगेरी, घंटिकेरी, उणकल, नवलूर, गंब्यापुर और मनगुंडी शामिल हैं।

सुविधाएं विकसित की जाएंगी

प्रत्येक स्कूल को 2 से 4 करोड़ रुपए का अनुदान राज्य सरकार और एशियन डेवलपमेंट बैंक की साझेदारी से मिलेगा। इस राशि से स्मार्ट क्लासरूम, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, खेल मैदान और स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

नवाचार को बढ़ावा देगी

क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल ग्रामीण शिक्षा में प्रतिस्पर्धात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देगी।
एस.एम. हुडेदमनी, जिला उपयोजना अधिकारी, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान

जिलेवार स्कूलों का विवरण

तालुक – मंजूर स्कूल
नवलगुंद – 3
धारवाड़ – 5
हुब्बल्ली – 7
कुंदगोल – 1
कलघटगी – 2

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