7 नवम्बर से संचालन का आदेश
विरोध के बीच आंदोलन और कानूनी लड़ाई की चेतावनी
रायचूर. उत्तर कर्नाटक के पिछड़े तालुक देवदुर्ग में प्रशासन ने जनता के विरोध के बावजूद दो टोलगेटों को पुन: शुरू करने का आदेश जारी किया है। 7 नवम्बर से संचालन की तैयारी के तहत सहायक आयुक्त ने 14 अधिकारियों को निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
देवदुर्ग में काकरगल और जालहल्ली टोलगेटों को लेकर पहले भी तीव्र जनविरोध हुआ था। फरवरी में हुए आंदोलन में टोलगेटों पर हमले तक हुए थे। केवल 74 किलोमीटर के दायरे में दो टोलगेट स्थापित होने को स्थानीय लोग अव्यवहारिक और अन्यायपूर्ण मानते हैं।
तीन माह पूर्व विधायक करेम्मा जी. नायक और सांसद जी. कुमार नायक ने लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली से टोल रद्द करने की मांग की थी। मंत्री के टोल जारी रखने के बयान पर विधायक ने विधानसौधा के सामने आंसू बहाए थे। इसके बाद टोल संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।
अब बिना किसी सुविधा के टोलगेट फिर शुरू करने की सूचना से जनाक्रोश दोबारा भडक़ उठा है। स्थानीय संगठन पार्टी-रहित आंदोलन और कानूनी लड़ाई की तैयारी में हैं।
विधायक करेम्मा जी. नायक ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें निशाना बनाकर टोल बनवाया है। वहीं आंदोलन समिति के संयोजक शिवराज नायक कोत्तदोड्डी ने कहा कि गरीबों के क्षेत्र में टोल लगाना अन्याय है।
जनता की नाराजगी को देखते हुए आने वाले दिनों में देवदुर्ग में बड़े जनआंदोलन की संभावना जताई जा रही है।
