निर्माण के बाद भी बंद पड़ी गौशालाचित्ताकुल ग्राम पंचायत क्षेत्र के कणसगिरी में निर्मित गौशाला।

आवारा मवेशियों से सडक़ दुर्घटनाएं बढ़ीं, ग्रामीणों में आक्रोश

कारवार. राष्ट्रीय राजमार्ग-66 पर आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या से सडक़ दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। माजाली, सदाशिवगढ़ जैसे क्षेत्रों में मवेशियों के झुंड सडक़ों पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को खतरा बना रहता है। दूसरी ओर, चित्ताकुल ग्राम पंचायत क्षेत्र के कणसगिरी में निर्मित गौशाला अब तक उपयोग में नहीं लाई गई है, जिससे समस्या और गंभीर हो गई है।

वर्ष 2021 में सडक़ हादसों और पशु चोरी की रोकथाम के लिए गोशालाओं की स्थापना की योजना शुरू की गई थी। उत्तर कन्नड़ जिले के लिए चार नई गौशालाएं स्वीकृत की गई थीं। कुछ माह पूर्व जिला प्रभारी मंत्री मंकाल वैद्य ने कणसगिरी गौशाला का उद्घाटन किया था, लेकिन संचालन अब तक आरंभ नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने मांग की है कि गौशाला को तत्काल चालू किया जाए ताकि दुर्घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

संचालन में कोई रुचि नहीं दिखाई

रात में राजमार्ग पर बैठे मवेशियों से दुर्घटनाएं हो रही हैं और पंचायत को रोज मृत पशुओं को हटाना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल प्रचार के लिए उद्घाटन किया, लेकिन संचालन में कोई रुचि नहीं दिखाई।
सूरज देसाई, उपाध्यक्ष, चित्ताकुल ग्राम पंचायत

22 लाख रुपए का अनुदान मिला

जिले में हलियाल के दुसगी में एकमात्र सक्रिय गौशाला है, जिसकी क्षमता 80 पशुओं की है, जबकि वर्तमान में 151 मवेशी आश्रय पाए हुए हैं। संचालन पर प्रतिमाह 7 लाख रुपए का खर्च आता है, जबकि अब तक केवल 22 लाख रुपए का अनुदान मिला है। कणसगिरी गौशाला के शेष कार्य शीघ्र पूर्ण कर भवन हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. मोहन कुमार, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग

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