किसान आंदोलनकारियों के नेतृत्व में जल्द ही क्षेत्रीय पार्टी का गठन
कलबुर्गी. किसान नेता कोडीहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि राज्य में सत्ता में आई कांग्रेस और जेडीएस तथा विपक्षी भाजपा किसी भी स्तर पर किसानों और मजदूरों सहित राज्य के आम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाई है। इसके चलते अपना रास्ता तलाशने और सत्ता में आने की आवश्यकता को देखते हुए जल्द ही एक क्षेत्रीय पार्टी की स्थापना करने के लिए राज्य में जागरूकता आ रही है।
शहर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोडीहल्ली चंद्रशेखर ने कहा कि नव कर्नाटक निर्माण आंदोलन के नाम से राज्य में किसान आंदोलन, दलित आंदोलन, कन्नड़ भाषा आंदोलन, महिला आंदोलन और छात्र युवा आंदोलनों की ओर से गठित क्षेत्रीय राजनीतिक दल के विजन को लोगों के सामने रखाने की दिशा में लोगों के बीच जनता घोषणा पत्र पर चर्चा शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में मंगलवार को कलबुर्गी स्थित कन्नड़ भवन में लोगों के बीच जनता घोषणा पत्र पर सार्वजनिक चर्चा आयोजित की गई। इस चर्चा के बाद और अधिक जिलों में जल जागरूकता अभियान आयोजितकर अंतिम रूप लेगा।
चंद्रशेखर ने कहा कि सिद्धरामय्या सरकार राज्य में वर्तमान में लागू भूमि अधिग्रहण विधेयक को वापस लेने में विफल रही है, और डी.के. शिवकुमार भी केंद्र की भाषा नीति में सेंध लगाकर अपने हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं। ऐसे लोगों से किसानों और मजदूरों की रक्षा करना असंभव है।
उन्होंने कहा कि 2013 में जब राज्य गंभीर सूखे का सामना कर रहा था, तब सिद्धरामय्या की ओर से केंद्र से राहत मांग को लेकर पत्र लिखने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य को 3,400 करोड़ रुपए दिए थे। इसी को सिद्धरामय्या ने किसानों को मुआवजे के तौर पर दिया है, इसके अलावा किसानों की सरकार किसानों के पक्ष में बजट पेश करने का दावा करने वाले उन्होंने इससे अधिक क्या दिया है।
चंद्रशेखर ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने केआईडीबी को बरकरार रखाकर उद्योग के नाम पर किसानों की जमीन अधिग्रहित कर इसी को गर्व की बात है कहा था।
उन्होंने मांग की कि राज्य में केआईडीबी को तुरंत बंद करना चाहिए, किसानों के हितों की रक्षा के लिए तुअर, सोया और धान की खरीद के लिए एक परिक्रामी निधि की स्थापना करनी चाहिए। ब्लाइट रोग से पीडि़त कलबुर्गी क्षेत्र में तुअर किसानों को तुरंत फसल बीमा और मुआवजा देना चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन में आर. मुनियप्पा, गोपीनाथ, मोहनराज, पुट्टराज, मल्लन्नगौड़ा, के.बी. वासु, दस्तगीर मुल्ला, मल्लिकार्जुन नेलोगी और अन्य उपस्थित थे।