ग्यारह माह में कुल 323 साइबर अपराध के मामले दर्जग्यारह माह में कुल 323 साइबर अपराध के मामले दर्ज

36.68 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

कलबुर्गी. कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के सात जिलों के आठ सेन (साइबर, आर्थिक और नशीले पदार्थ) थानों में ग्यारह महीने की अवधि में कुल 323 साइबर अपराध मामले दर्ज किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप जालसाजों ने 36.68 करोड़ रुपए की ठगी की है। इसमें से केवल 4.96 करोड़ रुपए ही वापस हुए हैं।
फोन कॉल करने वाले जालसाज अपनी मातों से आकर्षित कर उच्च ब्याज, लाभांश का लालच देकर या फिर डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर पलभर में नागरिकों के बैंक खातों से पैसे चुरा रहे हैं। दूसरी ओर, जालसाजों से चोरी की गई रकम बरामद करना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।
पुलिस विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नवंबर 2024 तक कलबुर्गी शहर और जिला, बल्लारी, बीदर, कोप्पल, रायचूर, विजयनगर और यादगीर सहित कुल 323 मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे अधिक 110 मामले अकेले बल्लारी जिले में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में कुल 15.99 करोड़ रुपए का चूना लगा गया है और जालसाजों से केवल 3.29 करोड़ रुपए ही वसूले गए हैं।
दूसरे स्थान पर रायचूर जिला है, जहां धोखाधड़ी करने वालों ने सिर्फ 25 मामलों में 7.79 करोड़ रुपए चुराए हैं। वसूली गई राशि मात्र 43 लाख रुपए है।

शिक्षक को लगाया 2.75 करोड़ रुपए का चूना

रायचूर में 15 से अधिक मामलों के पीडि़तों को 10 लाख से लेकर 2.75 करोड़ रुपए तक का चुना लगाया है। एक शिक्षक को हवाई टिकट बुकिंग का लालच देकर 2.75 करोड़ रुपए की ठगी की है। बिटकॉइन के लालच में आकर एक छात्र ने 1.12 करोड़ रुपए गंवाए हैं। शेयर बाजार में निवेश करने गए एक किसान ने 40.46 लाख रुपए गंवाए हैं। 15 लाख के नकद पुरस्कार का लालच आकर एक गृहिणी ने 38.46 लाख रुपए गंवाए हैं।
कुल 67 मामलों के साथ कलबुर्गी तीसरे स्थान पर है, जिसमें शहर में 38 और जिले में 29 मामले हैं। 38 मामलों में 4.22 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है और 23.36 लाख रुपए वसूले गए हैं। 29 मामलों में जालसाजों ने 1.46 करोड़ रुपए हड़पे हैं तथा 10.92 लाख रुपए वसूल किए गए हैं।

देरी का कारण

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जालसाजों ने शहर की झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों के नाम पर सिम कार्ड खरीदकर उनके नाम पर ही बैंक खाते खोले हैं। वे उनके खाते में 10,000 रुपए जमा कर बाकी रकम अपने दर्जनों बैंक खातों में ट्रांसफर करते हैं।
उन्होंने कहा कि पहली परत से दूसरी या तीसरी परत तक धन हस्तांतरित किया जा रहा है। इससे धन प्राप्ति की प्रक्रिया धीमी हो रही है। वे बाहरी राज्यों की फर्जी वेबसाइट, ईमेल आईडी, सिम कार्ड और ऐप का इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। इसके चलते जांच में मुश्किल हो रही है।

घरों में चोरी, चेन स्नैचिंग में कमी, साइबर अपराध में वृद्धि

बेंगलूरु में पिछले 10 वर्षों से साइबर अपराध के मामले सामने आ रहे हैं। परिणामस्वरूप, वहां जांच पद्धति में काफी सुधार हुआ है और लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है। बेंगलूरु में रिकवरी दर 20 प्रतिशत है, तो इस क्षेत्र में यह 1 प्रतिशत से भी कम है। यहां के कर्मचारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में साइबर अपराध के मामले हालही में दर्ज होने शुरू हुए हैं। घरों में चोरी और सेंधमारी जैसे मामले कम हो रहे हैं, जबकि डिजिटल अपराध बढ़ रहे हैं। जालसाज बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और गुजरात के हैं। बेंगलूरु के बन्नेरघट्टा में एक धोखाधड़ी गिरोह सक्रिय है। धोखेबाजों की डिजिटल गिरफ्तारी को बिना किसी डर के जवाब देकर अस्वीकार करने पर पैसे का नुकसान नहीं होगा।
-शरणप्पा एसडी, पुलिस आयुक्त

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