बुखार से पीडि़त कोप्पल जिला अस्पताल के मरीज
कोप्पल. जिले में दिन-ब-दिन गर्मी बढ़ती जा रही है और जिला अस्पताल की नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में वातानुकूलित सुविधा के काम न करने से मरीजों को परेशानी हो रही है।
जिले में कई दिनों से धूप निकल रही है।
गर्मी की पीड़ा सहन नहीं कर पा रहे लोग ठंडक की शरण में जा रहे हैं परन्तु जिला अस्पताल में एसी वातानुकूलित होने के बाद भी यह ठीक से काम नहीं कर रहा है। पंखे भी नहीं हैं। इलाज के लिए भर्ती बच्चे और उनके अभिभावक चिलचिलाती धूप के कारण अस्पताल के अंदर परेशान हो रहे हैं।
बीमारी से ठीक हो जाएं इस कारण अभिभावक अपने बच्चों को गत्ते और तौलिए लहराकर हवा कर रहे हैं। इस वार्ड में झुलसे बच्चों समेत कई लोग इलाज करा रहे हैं। अस्पताल के प्रबंधन की जिम्मेदारी कोप्पल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (कोप्पल चिकित्सा विज्ञान संस्था) की है।

बाहर से हवा नहीं आती
अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के अभिभावक ने बताया कि दिन में कार्डबोर्ड लहराकर हवा देकर बच्चों की देखभाल कर सकते हैं। पूरी रात ऐसा कैसे करना संभव नहीं है। बाहर से कोई हवा नहीं आती है।

कोई फायदा नहीं हुआ
कोप्पल तालुक के कासनकंडी गांव के सिद्दप्पा ने बताया कि वे चार दिन से जिला अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। अच्छा इलाज देने के बावजूद एसी के काम नहीं करने की वजह से वे हर रात नींद नहीं कर पा रहे हैं। गर्मी अधिक होने से से समस्या को हल करने की गुहार लगाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ।

बड़ी संख्या में इकाई के अंदर आते हैं लोग
अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने वालों में अधिकतर गांव के लोग हैं। एनआईसीयू इकाई संवेदनशील स्थान है। बड़ी संख्या में लोगों को अंदर नहीं आने के लिए कहा जाता है, परन्तु वे नहीं सुनते हैं। इसके चलते इकाई के अंदर एसी होने के बाद भी मरीजों को कोई मदद नहीं मिल रही है।

समाधान किया जाएगा
अस्पताल में भर्ती मरीजों को देखने के लिए अक्सर रिश्तेदार आते रहते हैं। बार-बार आने-जाने के कारण एसी की मात्र कम हो रही है। कोई समस्या है तो उसका समाधान किया जाएगा।
डॉ. विजयनाथ इटगी, निदेशक, कोप्पल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस

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