एसएसएलसी परीक्षा में राज्य में प्रथम रैंक हासिल का लक्ष्यहुब्बल्ली के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी दिव्य प्रभु।

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु जीआरजे ने कहा

मिशन विद्याकाशी

हुब्बल्ली. जिलाधिकारी दिव्य प्रभु जीआरजे ने कहा कि जिला प्रशासन ने एसएसएलसी और पीयूसी परीक्षाओं के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। परिणामों में सुधार के लिए मिशन विद्याकाशी कार्यक्रम के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस बार धारवाड़ जिले को एसएसएलसी परीक्षा में राज्य में प्रथम रैंक हासिल करने का लक्ष्य है।

शहर के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि इस वर्ष एसएसएलसी परीक्षा के लिए 28,666 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। इसके अतिरिक्त, 511 छात्रों ने नए बाह्य अभ्यर्थी के रूप में पंजीकरण कराया है। 1,437 छात्र दोबारा परीक्षा देने वाले हैं, जबकि 135 छात्र दोबारा परीक्षा देने वाले बाहरी छात्र हैं। एसएसएलसी परीक्षा में कुल 30,749 छात्र शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि जिले भर में कुल 447 हाई स्कूल हैं। एसएसएलसी परीक्षाएं 21 मार्च से 4 अप्रेल तक 106 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी। जिन परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित की जाएगी, वहां धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। परीक्षा के दिनों में परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के भीतर स्थित जेरॉक्स सेंटर बंद रहेंगे। जिला स्तर पर सतर्कता अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे तथा परीक्षा केंद्रों के आसपास पुलिस तैनात की जाएगी।

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि किसी को भी सोशल मीडिया पर गलत संदेश या जानकारी प्रकाशित नहीं करनी चाहिए। यदि इसे प्रकाशित किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साइबर पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखेगी। पिछले दस वर्षों से धारवाड़ जिला एसएसएलसी परीक्षाओं में अच्छे रैंक हासिल करने का प्रयास कर रहा है। 2019 में इसे 27वां स्थान, 2012 और 2022 में बी ग्रेड, 2023 में 24वां और 2024 में 22वां स्थान प्राप्त हुआ है। इसलिए इस बार जिले का लक्ष्य अच्छे नतीजों के साथ राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करना है।

जिला एवं तालुक स्तर पर वेबकास्टिंग

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने एसएसएलसी परीक्षा को पारदर्शी तरीके से, सरकार के निर्देशों और आदेशों के अनुसार आयोजित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। जिला स्तर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के नेतृत्व में उपनिदेशक कार्यालय में तथा तालुक स्तर पर क्षेत्र शिक्षा अधिकारी कार्यालय में वेबकास्टिंग की जाएगी। जिले के सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी लगा दिए गए हैं, प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक मुख्य अधीक्षक, प्रश्नपत्र संरक्षक तथा दो स्थानीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।

मिशन विद्याकाशी योजना के अंतर्गत अनेक कार्यक्रम

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि एसएसएलसी परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए मिशन विद्याकाशी योजना के तहत कई कार्यक्रम लागू किए गए हैं। बच्चों की सीखने की कमियों की पहचान करने और सीखने को बढ़ाने के लिए गतिविधियां प्रदान करने की खातिर अगस्त 2024 में आधारभूत परीक्षा आयोजित की गई थी। अक्टूबर माह में कन्नड़, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम में 40 अंकों का उत्तीर्ण पैकेज प्रदान किया गया। जनवरी 2025 से प्रतिदिन 10 अंकों की अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध कराकर शिक्षण को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रतिभाशाली बच्चों के उचित मार्गदर्शन के लिए कुशल एवं अनुभवी शिक्षकों तथा विशेष संसाधन शिक्षकों की ओर से जिला एवं तालुक स्तर पर कार्यशालाएं एवं परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक रविवार को प्रत्येक तालुक में कम से कम 30 से 50 बच्चों को विशेष मार्गदर्शन किया गया है। जिला स्तर पर, प्रत्येक तालुक से विभिन्न परीक्षाओं में उपलब्धि स्तर को चिन्हित कर 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने की क्षमता वाले 20 बच्चों के लिए संवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया। लगातार अनुपस्थित रहने वाले और अनियमित उपस्थिति वाले छात्रों और अभिभावकों को समझाने तथा उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए अभिभावक बैठकें और उपस्थिति अभियान चलाए गए। जो बच्चे लगातार स्कूल से अनुपस्थित रहते थे, उनमें से 429 बच्चों को विशेष उपस्थिति आंदोलन के माध्यम से मुख्यधारा में लाया गया है। अभिभावकों और

एसडीएमसी की बैठकों और कार्यशालाओं में एसएसएलसी परीक्षा के महत्व और उनके बच्चों की शिक्षा के लिए उन्हें जो सहयोग प्रदान करना चाहिए, साथ ही जिला प्रशासन की ओर से प्रदान किए जाने वाले सहयोग के बारे में जानकारी दी गई है।

जिलाधिकारी ने कहा कि कक्षा 10वीं में पढ़ाने वाले जिले के सभी सरकारी अनुदानित और अनुदानरहित स्कूलों में परिणाम सुधारने के लिए जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग की साझेदारी में शुरू किए गए कार्यक्रमों में 2,100 शिक्षकों को कक्षा प्रबंधन एवं पढ़ाई में पिछड़ रहे बच्चों की चिंता करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न संगठनों, विभागों, शिक्षा विशेषज्ञों और संसाधन शिक्षकों ने मिशन विद्या काशी के साथ सहयोग किया है। आगामी वर्षों में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए आवश्यक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए मिशन विद्याकाशी-2 परियोजना प्रारंभ की जाएगी।

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