न्यायाधीश राजेश एन. होसमने कहा
बल्लारी. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश राजेश एन.होसमने ने कहा कि मानव तस्करी को तभी रोका जा सकता है जब सभी विभागों के अधिकारी मिलकर इसके लिए काम करें। कानून में किसी इंसान को खरीदने का कोई प्रावधान नहीं है। नाबालिग बच्चों को पैसे का लालच देकर बेचना गलत है।
वे बुधवार को बल्लारी में विभिन्न विभागों की ओर से विभागीय अधिकारियों और निगरानी समिति के सदस्यों के लिए “मानव तस्करी रोकथाम दिवस” के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि समाज में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा मानव तस्करी का शिकार होते हैं। सभी को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा का अभाव मानव तस्करी के प्रमुख कारण हैं। अगर बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों से अनुपस्थित रहते हैं, तो उनके घर जाकर तथ्यों की जांच करें।
उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि अगर बाल विवाह जैसी कोई घटना होती है, तो आप जिम्मेदार होंगी।
जिला पंचायत के उप सचिव शशिकांत शिवपुरे ने समारोह की अध्यक्षता की।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी जेरे नागप्पा ने कहा कि मानव तस्करी समाज पर एक कलंक है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि यह कृत्य शिक्षित लोगों की ओर से ही किया जा रहा है।
कार्यशाला में जिला बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्ष त्रिवेणी पत्तार ने “मानव तस्करी विरोधी दिवस” पर विशेष व्याख्यान दिया।
इससे पहले, न्यायाधीश राजेश एन. होसमने ने शपथ दिलाई। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला रिपोर्टिंग अधिकारी सविता सी. ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया था।