स्कूलों में शुरू की थी छात्रों की हीमोग्लोबिन जांच
“एनीमिया मुक्त पोषण कर्नाटक” नाम से चला अभियान
मेंगलूरु. बच्चों में एनीमिया रोकने के लिए स्कूलों में शुरू की गई छात्रों की हीमोग्लोबिन जांच पूरी हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण कन्नड़ जिले के 5,063 बच्चों में एनीमिया की समस्या पाई गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने पिछले एक महीने में जिले की पहली से दसवीं कक्षा तक की सरकारी और अनुदानित स्कूलों के 49,575 बच्चों की रक्त जांच की है। इनमें से 2,609 में हल्का, 2,444 में मध्यम और 10 में गंभीर एनीमिया पाया गया।
दवाओं से इलाज संभव
डॉक्टरों का कहना है कि “एनीमिया मुक्त पोषण कर्नाटक” नाम से यह अभियान चला, जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत डॉक्टर, नर्स और नेत्र विशेषज्ञों ने स्कूलों में जाकर छात्रों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच की थी। गंभीर मामलों में बच्चों को तालुक या जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों के पास भेजा गया, जबकि हल्के और मध्यम स्तर के बच्चों का इलाज पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किया गया। इस बीमारी का इलाज दवाओं से संभव है।
एनीमिया के लक्षण
पोषण की कमी इसका मुख्य कारण है। आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन घट जाता है, जिससे शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो जाता है। चक्कर आना, थकान, कमजोरी, भूख न लगना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना, पैरों में दर्द और सूजन इसके सामान्य लक्षण हैं। गंभीर स्थिति में शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई जांच
स्वास्थ्य इकाई — छात्रों की जांच — हल्का — मध्यम — गंभीर
बंटवाल — 9,482 — 306 — 236 — 0
बेलतंगडी — 7,204 — 617 — 604 — 05
मेंगलूरु — 20,121 — 978 — 986 — 05
पुत्तूर — 7,665 — 429 — 258 — 0
सुल्या — 5,103 — 279 — 360 — 0
कुल — 49,575 — 2,609 — 2,444 – 10