बागलकोट में बाढ़ पीडि़तों की नाराजगी
बस्तियों में घुसा पानी, सुरक्षित स्थानों पर रवाना हुए लोग
बागलकोट. पीडि़तों ने आरोप लगाया कि तेरदाल तालुक के तमदड्डी और हलिंगली बस्तियों में कृष्णा नदी का पानी घुसने से लोग अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर ले गए हैं परन्तु तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने पशुओं को चारा नहीं दिया और न ही पीडि़तों के लिए समुचित राहत केंद्र खोले हैं।
पिडि़तों का कहना है कि शनिवार को कृष्णा नदी में पानी का स्तर दो फीट बढ़ा, जिससे कई मकान जलमग्न हो गए। लोग अपने मवेशियों को सडक़ों के किनारे बांधकर, ट्रैक्टर-ट्रॉली में तिरपाल डालकर आश्रय ले रहे हैं। दूर-दराज पर बने राहत केंद्रों की जानकारी पीडि़तों तक नहीं पहुंचाई गई है।
बाढ़ प्रभावित तमदड्डी के शिवानंद गस्ती ने कहा कि हम अपने मवेशियों को छोडक़र दूर बने केंद्रों तक नहीं जा सकते।
हमें स्थायी समाधान चाहिए
उलप्पा हलेमनी और संजु हलेमनी ने कहा कि रातभर पानी बढ़ता रहा, घर के सामने तक पहुंच गया। सांप-बिच्छू का डर है, नींद नहीं आई। हर साल बाढ़ के समय अधिकारी आते हैं, बाद में हमारी कोई सुनवाई नहीं होती। हमें स्थायी समाधान चाहिए।
मवेशियों को सुरक्षित किया गया है
ग्राम प्रशासन अधिकारी मल्लिकार्जुन खवटगोप्पा ने कहा कि हलिंगली के गुल्लीमले क्षेत्र को जोडऩे वाली सडक़ और तेरदाल जाकवेल मार्ग जलमग्न हो चुका है। गुल्लीमले के मवेशियों को सुरक्षित किया गया है और महावीर स्कूल में राहत केंद्र खोला गया है।
फिलहाल चारा नहीं दिया
महाराष्ट्र में बारिश कम हुई है, जिससे नदी का जलस्तर घट रहा है। फिलहाल चारा नहीं दिया गया है, परन्तु पानी बढऩे पर व्यवस्था की जाएगी। राहत केंद्र खोले गए हैं।
–विजयकुमार कडकोल, तहसीलदार, तेरदाल
