राज्य का पहला सरकारी पॉलिटेक्निक होने का गौरव
मेंगलूरु. शहर के कद्री में स्थित 78 साल पुराने कर्नाटक सरकारी पॉलिटेक्निक (केपीटी) को स्वायत्त दर्जा मिल गया है और यह उपलब्धि हासिल करने वाला राज्य का पहला सरकारी पॉलिटेक्निक होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
अगले शैक्षणिक वर्ष से ही विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया स्वायत्तता के आधार पर संचालित की जाएगी।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) अब तक केवल इंजीनियरिंग कॉलेजों को स्वायत्त मान्यता देती थी। डिप्लोमा कॉलेजों के लिए कोई मान्यता प्रक्रिया नहीं थी। अब देश में कौशल विकास को काफी प्राथमिकता दी जा रही है और इसी सिलसिले में डिप्लोमा कॉलेजों को भी स्वायत्त मान्यता देने का फैसला किया गया है। इसी तरह देश में कई सरकारी पॉलिटेक्निक को स्वायत्त दर्जा मिल गया है।
मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया डेढ़ साल पहले शुरू की गई थी। पिछले जुलाई में, एआईसीटीई प्रमुखों की एक टीम ने कॉलेज का दौरा कर मूल्यांकन किया था। नियम में कहा गया था कि मान्यता चाहने वाले संस्थान को 50 वर्ष पूरे करने चाहिए।
मान्यता के लाभ
तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत पॉलिटेक्निक का पूरे राज्य में एक समान पाठ्यक्रम है। स्वायत्त दर्जा प्राप्त करने से उद्योगों के लिए पूरक पाठ्यक्रम के विकास में सुविधा होगी, जिससे छात्रों को शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से अधिक लाभ होगा।
प्राथमिकता दी जाएगी
प्राचार्य हरीश शेट्टी का कहना है कि पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रश्न पत्र की तैयारी, परीक्षा कॉलेज में ही आयोजित की जाएगी। नामांकन से संबंधित प्रक्रिया भी कॉलेज में ही सुविधाजनक होगी। उद्योगों से सीधे अनुबंध किया जा सकता है। एआईसीटीई या एमएचआरडी से अनुदान देते समय प्राथमिकता दी जाएगी।
5 साल तक मान्यता
स्वायत्त मान्यता अगले 5 वर्षों के लिए वैध होगी, यदि संस्था इसे जारी रखना चाहती है, तो उसे 5 वर्ष पूरा होने से तीन महीने पहले विस्तार के लिए आवेदन करना होगा।
8 विभाग, हजार से ज्यादा छात्र
1946 में सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और ऑटोमोबाइल जैसी चार डिप्लोमा इंजीनियरिंग शाखाओं के साथ शुरू हुआ यह संस्थान अब 78 साल का हो गया है। तत्कालीन मद्रास सरकार के तहत पांडेश्वर में एक किराए की इमारत में शुरू हुए इस संस्थान ने 1954 में कद्रर हिल्स में काम करना शुरू किया। इसका 19 एकड़ का विशाल परिसर है। वर्तमान में डिप्लोमा इंजीनियरिंग विभाग जैसे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, पॉलिमर टेक्नोलॉजी विभाग में एक हजार से अधिक छात्र हैं।
शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से लाभ होगा
कर्नाटक सरकारी पॉलिटेक्निक को 78 वर्ष पूरे होने पर एआईसीटीई से स्वायत्त मान्यता मिल गई है। यह संस्थान के भविष्य के विकास की दिशा में एक नया कदम है और यह मान्यता सभी की कड़ी मेहनत के कारण प्राप्त हुई है। इससे भविष्य में छात्रों को शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से लाभ होगा।
–हरीश शेट्टी, प्राचार्य, केपीटी मेंगलूरु