एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लगाया आरोप
यदि जीबी पंत ने राम की मूर्ति हटा दी होती तो आज हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता
1986 में चाबी नहीं खोलते तो ये स्थिति नहीं होती
कलबुर्गी. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद को योजनाबद्ध तरीके से भारतीय मुसलमानों से छीना गया है।
कलबुर्गी शहर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर रखे विश्वास पर यह जगह मंदिर निर्माण के लिए दी गई है परन्तु फैसले में यह नहीं कहा गया कि मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई है।
आज भी हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संघ परिवार दलील दे रहा है कि देश के कई हिस्सों में मस्जिदों से पहले मंदिर मौजूद थे। यदि जीबी पंत ने राम की मूर्ति हटा दी होती तो आज हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। यदि 1986 में चाबी नहीं खोली होती तो ऐसा नहीं होता। अगर 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद नहीं ढहाई गई होती तो आज ये नौबत नहीं आती परन्तु आज भी हमें अपने सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं।
500 सालों से इबादत करते आ रहे थे
ओवैसी ने कहा कि जब विश्व हिंदू परिषद बनी तो राम मंदिर का कोई जिक्र नहीं था। यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी कभी राम मंदिर का जिक्र नहीं किया। मुसलमान पिछले 500 सालों से इबादत करते आ रहे थे। कांग्रेस के तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जीबी पंत मुख्यमंत्री कार्यकाल में मस्जिद के अंदर मूर्ति रखी गई थी। नायर नामक जिलाधिकारी ने मस्जिद पर ताला लगा कर मूर्ति पूजा की अनुमति दी थी। बाद में 1950 में यही नायर जनसंघ के पहले सांसद बने।
आप के खिलाफ भी भडक़े
ओवैसी ने कहा कि दिल्ली के धर्मनिरपेक्ष मुख्यमंत्री का कहना है कि वे सरकारी स्कूलों में सप्ताह में एक दिन हनुमान चालीसा पढऩे का निर्देश देंगे। क्या सरकारी स्कूलों में धर्म है? पता नहीं आज क्या हो रहा है। ये सब मोदी के आने के बाद शुरू हुआ है। सबकी निगाहें बहुसंख्यकों के वोट पर हैं। इस लिए मोदी बहुसंख्यकों के वोटों को एकजुट करके भारतीय राजनीति में मुस्लिम समुदाय की भूमिका क्या है इसे दिखा रहे हैं।