धारवाड़ अलग निगम
हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के वरिष्ठ भाजपा पार्षदों ने कहा कि के महानगर निगम पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल कम किया गया तो हम कानूनी लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हैं। क्या कांग्रेस के पार्षद सत्ता के शेष दो साल छोडऩे को तैयार हैं?
शहर में महानगर निगम के सभा अध्यक्ष वीरन्ना सवडी और वरिष्ठ भाजपा पार्षद शिवु हिरेमठ, ईरेश अंचटगेरी और अन्यों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि महानगर निगम में भाजपा का शासन है। इसी वजह से राज्य की कांग्रेस सरकार से किसी तरह से सत्ता छीनने की साजिश कर रही है। इसी कारण से हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के पार्षदों का पांच साल का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही विभाजित करने की अधिसूचना जारी की है।
उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि धारवाड़ के विकास के उद्देश्य से भाजपा पार्षदों ने आम बैठक में अलग निगम का मुद्दा चर्चा के लिए लाया और सभी दलों की स्वीकृति प्राप्त करने के बाद प्रस्ताव पारित किया। जब सरकार ने कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दी तो हम सभी बहुत खुश हुए थे परन्तु अधिसूचना में नगर निगम के पार्षदों के कार्यकाल के बारे में जानकारी नहीं दी गई, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हमारी एकमात्र मांग यह है कि पांच साल पूरे होने से पहले पार्षदों की शक्तियों में कटौती नहीं करनी चाहिए। हमने कभी भी अलग निगम का विरोध नहीं किया है। इसके बावजूद, कांग्रेस पार्षदों की ओर से संवाददाता सम्मेलन में भाजपा पार्षदों और जनप्रतिनिधियों पर अलग नगर निगम के गठन का विरोध करने का आरोप लगाना हास्यास्पद है।
भाजपा पार्षदों ने कहा कि विधायक विनय कुलकर्णी ने महानगर निगम को सुपर सीड कर धारवाड़ नगर निगम को 100 करोड़ रुपए का अनुदान देने और प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त करने के संबंध में सरकार को पत्र लिखा है। यह कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही हमारे अधिकारों को छीनने का प्रयास है और हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई है तथा कांग्रेस पार्षदों का सहयोग प्राप्त करने के बाद ही आपत्ति दर्ज कराई है।
उन्होंने कांग्रेस पार्षदों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी के दबाव में आकर महापौर ने धारवाड़ को अलग नगर निगम नहीं बनाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कहकर झूठे बयान देकर लोगों को गुमराह करना सही नहीं है।
भाजपा पार्षद ईरेश अंचटेगेरी ने कहा कि धारवाड़ की गोचर जमीन पर कांग्रेस कार्यालय खोला गया है। निगम से अनुमति लिए बिना मंत्रिमंडल की बैठक में केश्वापुर सर्किल के पास कांग्रेस कार्यालय के लिए जगह आवंटित की गई है। यह हिटलर का शासन बन गया है।
हम 40 साल पीछे चले गए हैं
हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर जिला भाजपा अध्यक्ष तिप्पन्ना मज्जगी ने कहा कि हुब्बल्ली-धारवाड़ एक ही नगर निगम होते, तो भविष्य में सरकार से हजारों करोड़ रुपए का अनुदान मिलता था। अलग नगर निगम बनाया गया तो हम विकास के मामले में 40 साल पीछे चले जाएंगे। इस दुख के बावजूद, हमने अलग नगर निगम की घोषणा का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग सपना देख रहे हैं कि अगर धारवाड़ अलग नगर निगम बन गया तो महापौर, उप महापौर बन जाएंगे। हम किसी के स्वार्थ के कारण विकास के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे जुड़वां शहर के लोगों को अंधेरे में रखा गया है। दो वर्ष पहले ही एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें कहा गया था कि पार्षदों का कार्यकाल 2027 में समाप्त हो जाएगा और अलग नगर निगम बनाने के लिए आवश्यक तैयारियां करनी होंगी परन्तु सरकार की ओर से जारी अधिसूचना स्पष्ट नहीं होने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस पार्षदों को आरोप लगाने से पहले सोचना चाहिए। सभी पार्षदों और जनप्रतिनिधियों ने अलग नगर निगम के मुद्दे पर जल्दबाजी में निर्णय लिया है।
संवाददाता सम्मेलन में चंद्रशेखर मनगुंडी, उमेशगौड़ा कौजगेरी, मल्लिकार्जुन गुंडूर, विजयानंद शेट्टी आदि उपस्थित थे।