उडुपी. कारकल-धर्मस्थल-सुब्रह्मण्य राज्य राजमार्ग पर नल्लूर के पजगुड्डे में सोमवार को कैंटर और बाइक की टक्कर में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई।
मृतकों की पहचान नल्लूर कोडपट्या निवासी सुरेश आचार्य (35), उनके बच्चे सुमिक्षा (7), सुष्मिता (5) और सुशांत (2) के तौर पर की गई है। उनकी पत्नी मीनाक्षी (32) बाल-बाल बच गईं है उन्हें चोट लगी है।
यह परिवार वेनूर से नल्लूर की ओर बाइक पर यात्रा कर रहा था, तभी गुरुवायनकेरे की ओर जा रही एक कैंटर लॉरी ने बाइक को टक्कर मार दी। सवार और दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई और एक बच्चे की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।
घटना नवरात्र पूजा के लिए आते समय घटी
नल्लूर के कोडपट्या निवासी शंकराय-वसंती के तीन बेटों और तीन बेटियों में से सुरेश आचार्य ने 15 साल पहले वेनूर के गांधीनगर की मीनाक्षी से विवाह कर वेनूर में ही बस गए थे। पत्नी गृहिणी है और बच्चे वेणूर में ही स्कूल जाते थे। नल्लूर के मूल घर में 2 अक्टूबर को नवरात्र की विशेष पूजा होने के चलते वे सपरिवार आ रहे थे।
बताया जा रहा है कि बाइक चलाने के दौरान सवार के आगे दो बच्चे और पीछे मां के साथ एक बच्चा था। लॉरी की टक्कर भीषण होने के कारण बाइक से गिरे सभी लोगों के सिर लॉरी से टकरा गए और पांच लोगों के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। बच्चों के दिमाग के कुछ हिस्से ट्रक से चिपक गये थे। बच्चों के शरीर की हालत मन को झकझोर देने वाली थी।
मां ने लगाई मदद की गुहार
मीनाक्षी के चेहरे पर गंभीर चोट लगी थी और उस हालत में बच्चों की हालत देखकर उसका रोना किसी पत्थर को पिघलाने जैसा था। बच्चों के शरीर पर डाले गए कपड़ों को हटाकर मदद के लिए चिल्ला रही थी और कुछ देर बाद जमीन पर गिर पड़ी। उन्हें एम्बुलेंस के जरिए कारकल सरकारी अस्पताल लाया गया। बाद में उन्हें उडुपी के अज्जरकाडु सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
मदद के लिए पहुंची सुमित नल्लूर टीम
मृतकों और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए कारकला की 108 एम्बुलेंस को बुलाया गया। स्थानीय सुमित नल्लूर ने अपनी टीम के साथ आसपास खड़े लोगों की मदद से जमीन पर पड़े हुए लोगों को उठाया और एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
सुमित नल्लूर को अफसोस जताते हुए कहा कि इनमें समीक्षा की सांसें चल रही थीं। जब उसे शहर के रोटरी केएमसी अस्पताल लाया गया, तो सात डॉक्टरों ने बच्ची को बचाने करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कम से कम एक बच्चे को बचाने का अंत तक प्रयास किया। इसका फल नहीं मिला। मृतक सुरेश और सुमित दोनों सहपाठी थे।
चालक को किया गिरफ्तार
कैंटर चालक हेमंत को गिरफ्तार किया गया है। ग्रामीण थाने में मामला दर्ज किया गया है। घटना की खबर सुनकर स्थानीय विधानसभा क्षेत्र भाजपा अध्यक्ष नवीन नायक और हिंदू संगठनों के नेता समेत सैकड़ों अस्पताल पहुंचे थे।
छुट्टियों की खुशी में थे बच्चे
मृतक सुरेश आचार्य लकड़ी के कारीगर थे। सुमिक्षा और सुष्मिता स्कूल जा रही थीं। सोमवार को उसे दशहरे की छुट्टी मिली थी, इसके चलते वह खुशी-खुशी अपने पिता के घर जा रहे थे।
इसकी चेतावनी पहले ही दे दी गई थी
स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना स्थल पाजगुड्डे और पर्यावरणीय उतार-चढ़ाव वाली सडक़ मोड़ों से भरी है। पहले पाजगुड्डे पर चढऩे का मोड़ बहुत संकरी था। उस समय सिलसिलेवार हादसे होते थे। बाद में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) विभाग ने ऊंचाई कम कर मोड़ को चौड़ा करने का काम किया था। इसके आसपास अभी भी खतरनाक स्थितियां हैं और इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपायों की आवश्यकता है।