आकार और जनसंख्या में बड़े बेलगावी जिले में मरीजों की संख्या भी बढ़ी
महाराष्ट्र के आस-पास के गांवों से भी मरीज जिला अस्पताल में आ रहे
हृदय शल्य चिकित्सा के लिए आवश्यक वार्डों और विशेषज्ञों की कमी
5 जुलाई को एक ही दिन में 151 ईसीजी, एक्स-रे और 42 सीटी स्कैन किए गए
बेलगावी. राज्य के अन्य जिलों की तरह बेलगावी में हृदय रोग और दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं। आकार और जनसंख्या में बड़े बेलगावी जिले में मरीजों की संख्या भी बढ़ी हैं। महाराष्ट्र के आस-पास के गांवों से भी मरीज जिला अस्पताल में आ रहे हैं। अस्पतालों में हृदय शल्य चिकित्सा के लिए आवश्यक वार्डों और विशेषज्ञों की कमी बनी हुई है। हालांकि 5 जुलाई को एक ही दिन में 151 ईसीजी, एक्स-रे और 42 सीटी स्कैन किए गए।
हृदय रोग के उपचार के लिए अलग से वार्ड
अधिकारियों ने कहा था कि 2025 से हृदय की सर्जरी भी शुरू हो जाएगी। हालांकि, अभी तक यह लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हृदय रोग के उपचार के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। वर्तमान में केवल एंजियोप्लास्टी ही संभव है। इसके लिए दो हृदय रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिनमें से केवल एक ही आगे आया है। कार्डियोथोरेसिक सर्जन का पद अभी तक सृजित नहीं किया गया है। इसलिए सरकार को सबसे पहले इस पद को भरना चाहिए। फिर, डॉक्टर की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
कर्मचारियों के 40 फीसदी पद रिक्त
एक साल पहले 5 करोड़ रुपए की लागत वाली अत्याधुनिक ‘सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम’ मशीन स्थापित की गई थी। इससे हृदय रोग की जांच के लिए आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। अभी तक जिला अस्पताल में हृदय रोग की जांच भी संभव नहीं थी। इस आधुनिक तकनीकी शक्ति के माध्यम से सभी रोगों का निदान संभव हो गया है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या पिछले दस वर्षों से एक समान बनी हुई है। डॉक्टरों और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों की अभी भी 40 फीसदी कमी है। स्वीकृत 240 डॉक्टरों के पदों में से केवल 170 ही उपलब्ध हैं। अन्य 40 पद अनुमोदन के लिए लंबित हैं।
मरीजों का सरकारी अस्पतालों की तरफ रूख
कोविड से पहले प्रतिदिन करीब 600 लोग बाह्य रोगी विभाग में आते थे। अब 1,800 लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। आंतरिक रोगी विभाग में 1,040 बिस्तर हैं, जिनमें से 940 बिस्तर हमेशा भरे रहते हैं। यद्यपि 150 आईसीयू बेड हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। जिला अस्पताल में सभी प्रकार के अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण लाए गए हैं। परिणामस्वरूप, जो मरीज पहले निजी अस्पतालों में जाते थे, वे अब यहां की ओर रुख करने लगे हैं।