विधान परिषद में विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार ने कहा
हुब्बल्ली. विधान परिषद में विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज का नजरिया बदलना चाहिए। उन्हें कभी भी बोझ नहीं समझना चाहिए। यहां कोई भी पूर्ण नहीं है।
शहर के होसूर स्थित कन्नड़ वैश्य समाज हॉल में सक्षम उत्तर कर्नाटक प्रांत की ओर से आयोजित सक्षम उत्तर कर्नाटक प्रांत सम्मेलन का उद्घाटन कर बोल रहे थे।
हर व्यक्ति में कोई न कोई कमी होती है। जिनके हाथ हैं उनके पैर नहीं होते हैं, जिनके पैर हैं उनके पास आंखें नहीं होती है। जिनके हाथ-पैर हैं वे बोल नहीं सकते। जो लोग बिल्कुल ठीक हैं उनके पास कोई बुद्धि नहीं होती। शारीरिक विकलांगता के साथ-साथ डिमेंशिया (पागलपन) भी होता है। जन्म भगवान की देन है। ईश्वर प्रदत्त जीवन को उपलब्धि की सीढ़ी बनाना चाहिए। सभी सही रहने वाले लोग जो उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते हैं, उसे दिव्यांग लोग कर पाते हैं। यही आपकी ताकत है।
उन्होंने कहा कि सभी दिव्यांग सक्षम हैं, समाज के लिए पथ प्रदर्शक हैं। जिनके पास सब कुछ है केवल वे ही सक्षम हैं यह सोचना गलत है। जब सभी अपूर्ण एकजुट हो जाते हैं तो समाज पूर्ण हो जाता है। दिव्यांग लोगों के समाज की मुख्यधारा में नहीं आने से भारत संपूर्ण नहीं होगा।
दिव्यांगों की समस्याएं क्या हैं? क्या हैं मांगें? इसकी सूची तैयार कर आपके साथ पांच-छह विधायकों को शामिल कर इस पर चर्चा की जाएगी। बाद में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सरकार की आंखें खोली जाएगी। आवश्यक सुविधाएं प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर सक्षम के अध्यक्ष एसजी शेट्टी ने कहा कि विकलांगों की सभी समस्याओं का समाधान एकल खिडक़ी प्रणाली में करना चाहिए। इसमें शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, गरीबी उन्मूलन, प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी भी उपलब्ध होनी चाहिए। हर जिले में विकलांग व्यक्तियों के आंकड़े और शिक्षा, वित्तीय स्थिति, रोजगार की जानकारी आसानी से उपलब्ध करानी चाहिए। इससे सरकारी सुविधाएं मिलने में आसानी होगी। दिव्यांगों को पंचायत से लेकर लोकसभा तक चुनाव लडऩे के लिए आरक्षण देना चाहिए।
डॉ. सुभाष बोब्रुवाड़ा ने सक्षम कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंदराज, श्रीधर नाडगेर, मुरुलीकृष्ण, प्रसन्न शेट्टी, नागलिंग मुरुगी, डॉ. सुनील गोगी, अरविंदराव देशपांडे ने कार्यक्रम में भाग लिया था।
हनुमान ध्वज का अपमान, हिंदू धर्म का अपमान
पत्रकारों से बातचीत करते हुए रविकुमार ने कहा कि जहां भी हनुमान ध्वज का अपमान होगा, वहीं सम्मान होना चाहिए। इस संबंध में 9 फरवरी को मंड्या बंद का आह्वान किया गया है। हनुमान ध्वज का अपमान का मतलब हिंदू धर्म का अपमान है। इसके लिए सीधे तौर पर सरकार ही जिम्मेदार है। हटाए गए स्थान पर ही सरकार को हनुमान ध्वज फहराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने केरेगोडु ग्राम पंचायत में लिए गए फैसले को दबाने का काम किया है। सरकार की ओर से अपना निर्णय थोपने के परिणामस्वरूप टकराव उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस के आरोप के मुताबिक हम सांप्रदायिक झगड़े का बीज बोने का काम नहीं कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या तिलक लगाने के लिए उदासीनता बरतते हैं परन्तु कुछ कार्यक्रम खत्म होने तक वे टोपी पहनते हैं। तिलक लगाने से क्या समस्या है? इसे क्यों मिटाना चाहिए? तुष्टिकरण की राजनीति अपनी सीमा लांघ रही है।
हम श्वेत पत्र जारी करेंगे
रविकुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को कितना अनुदान दिया है, हम इसकी जानकारी देने को तैयार हैं परन्तु राज्य सरकार को दिया गया अनुदान वापस क्यों जा रहा है इसकी जानकारी देनी चाहिए। लोग सूखे से पीडि़त हैं तो वे दिए गए अनुदान का उपयोग किए बिना राजनीति कर रहे हैं। क्या पिछली यूपीए सरकार ने अधिक अनुदान दिया था या वर्तमान केंद्र सरकार ने दिया है? हम इस पर श्वेत पत्र जारी करेंगे। अगर हमने ही अधिक दिया है तो क्या आप (मुख्यमंत्री) इस्तीफा देंगे?