केंद्रीय मंत्री जोशी का बयान
हुब्बल्ली. धारवाड़ के सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि शिवमोग्गा के लोग शरावती नदी के बैकवाटर पर नवनिर्मित अंबरगोडलु-कलसवल्ली-सिगंदूर पुल के उद्घाटन को वास्तव में एक उत्सव के रूप में देख रहे हैं परन्तु इसमें भी, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और कांग्रेस राजनीति कर रहे हैं, जो राज्य के साथ विश्वासघात है।
कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति में, केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को सिगंदूर पुल का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री बी. एस. येडियूरप्पा, विधायक बीवाई विजयेंद्र, सांसद बीवाई राघवेंद्र और अन्य लोग समारोह में शामिल हुए थे।
क्या प्रोटोकॉल के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को पुल उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था? इस पर गरमागरम बहस चल रही है। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि सभी आरोप झूठे और घटिया राजनीति से भरे हैं।
उन्होंने कहा कि यह सचमुच दुखद है कि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या सिगंदूर पुल के उद्घाटन को राजनीतिक खेल में बदलने के लिए आगे आए हैं। आमंत्रण पहले ही दिया गया था। शिवमोग्गा से लोकसभा सदस्य बीवाई राघवेंद्र ने 9 जुलाई को मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को पत्र लिखकर उन्हें सिगंदूर पुल उद्घाटन कार्यक्रम में आमंत्रित किया था।
जोशी ने कहा कि केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी 11 जुलाई को मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को पत्र लिखकर सिगंदूर पुल को कर्नाटक का गौरव, लोगों की सुविधा और पर्यटन स्थल बनाने का निमंत्रण दिया था। लोकसभा सदस्य बीवाई राघवेंद्र और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से लिखे गए पत्र को भी साझा किया।
उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार, जो राज्य के विकास को भूल चुकी है, अब मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए लड़ाई में उलझी हुई है। केंद्र सरकार के पैसों से बने पुल का जश्न मनाने के बजाय, सिद्धरामय्या और कांग्रेस पार्टी शिष्टाचार की मर्यादाओं का उल्लंघन करके, उन्हें आमंत्रित नहीं करने का झूठ बोलकर, राज्य के साथ विश्वासघात करके घटिया राजनीति कर रही है।
सांसद बीवाई राघवेंद्र और अधिकारियों ने कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली से पहले ही चर्चा कर उद्घाटन के बारे में जानकारी दी थी। साथ ही, उद्घाटन की जानकारी मुख्यमंत्री को भी भेज दी गई थी। मुख्यमंत्री की कुर्सी के विवाद को छिपाने के लिए इस तरह की राजनीति की जा रही है, राज्य के लिए त्रासदी है।
