गंगावती तालुक के हेमगुड्डा के मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय का दौरा कर कर्मचारियों से रैगिंग से संबंधित जानकारी प्राप्त करते राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य शेखरगौड़ा जी. रामत्नाल और अधिकारी।

हेमगुड्डा स्कूल रैगिंग मामला
तत्काल कार्रवाई करने का दिया निर्देश
कोप्पल. गंगावती तालुक के हेमगुड्डा के मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा मृगतृष्णा बनी हुई है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों ने अधिकारियों को सात दिनों के भीतर इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
आवासीय विद्यालय में रैगिंग होने के बारे में हाल ही में मीडिया में रिपोर्ट छपी थी। इसके चलते आयोग के सदस्य शेखरगौड़ा जी. रामत्नाल ने स्कूल का दौरा कर विद्यार्थियों, अभिभावकों, हेडमास्टर और वहां के कर्मचारियों से चर्चा कर जानकारी जुटाई है। बाद में तैयार रिपोर्ट में उन्होंने वहां की समस्याओं का जिक्र किया। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी महांतस्वामी पुजार एवं गंगावती सीडीपीओ प्रवीण हेरूर उपस्थित थे।

रजिस्टर में कोई जानकारी दर्ज नहीं
पूछताछ के दौरान पता चला है कि आवासीय विद्यालय में शिक्षकों एवं कर्मचारियों को राज्य बाल अधिकार सुरक्षा नीति 2016 पर प्रशिक्षित नहीं किया गया है। इस नीति के अनुरूप कोई कार्य योजना नहीं बनाई गई है, शिक्षकों एवं कर्मचारियों से प्रतिबद्धता पत्र प्राप्त नहीं किया है, बाल सुरक्षा समिति का गठन नहीं किया गया है, विद्यालय में अभिभावक समिति का गठन नहीं किया गया है, बच्चों के सुझाव एवं शिकायत पेटियों की जांच नहीं की गई है। रजिस्टर होने के बावजूद उसमें कोई जानकारी दर्ज नहीं है।

छात्रों ने अधिकारियों के साथ साझा की जानकारी
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर 6वीं, 7वीं, 8वीं और 9वीं कक्षा के छात्रों ने अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया है कि 10वीं कक्षा के कुछ छात्र छत पर बंटक लगवाने और उन पर अपने कपड़े धोने के लिए दबाव बनाया है। उनका काम नहीं करने वालों को पीटा गया है। इस बारे में खुलासा करने पर उनकी और पिटाई करने की धमकी देने के बारे में जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्रों को स्कूल से निलंबित किए जाने की बात सच नहीं है।

डेढ़ साल से नहीं हुई बैठक
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि स्कूल में केवल हर रविवार को मात्र बच्चों को अपने अभिभावकों से परामर्श करने की अनुमति है, कनकगिरी के वेंकारेड्डी ने अपने बेटे से मिलने आने पर कई छात्रों ने उनके साथ हो रहे उत्पीडऩ के बारे में उन्हें बताया। तब इस घटना का खुलासा हुआ। अभिभावकों की बैठक हर महीने होनी चाहिए परन्तु डेढ़ साल से नहीं हुई है।

कार्रवाई करने का निर्देश दिया
हेमगुड्डा स्कूल के प्रिंसिपल रविकुमार एस. ने बाल सुरक्षा नीति के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। कर्तव्य में लापरवाही बरती गई। उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
शेखरगौड़ा जी. रामत्नाल, सदस्य, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग

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