भोग-उपभोग बढ़ा है, पैसों की कद्र घटी हैआचार्य विमल सागर सूरीश्वर

भद्रावती. आचार्य विमल सागर सूरीश्वर ने कहा कि अपव्यय गरीबी और वैश्विक समस्याओं का मूल कारण है। दुनिया में जहां देखो वहां, बहुत बड़ी मात्रा में भोग-उपभोग बढ़ गया है। किसी को भी वैश्विक संतुलन या भविष्य में आने वाली आफतों की चिंता नहीं है। लोग बिंदास होकर जी रहे हैं।

तरीकेरे में धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि इस बीच कोई बड़े-बुजुर्ग या अनुभवी व्यक्ति कहीं सावधान करते हैं तो लोग उनको मजाकिया अंदाज में लेते हैं। ऐसे लोगों की बातों के उपहास उड़ाए जाते हैं। पिछले सौ वर्षों में संसार की नीति-रीति को इतना बदल दिया गया है कि उतना तो पिछले पांच-दस हजार वर्षों में भी परिवर्तन नहीं हुआ था। अनाज, पानी, बिजली, वनस्पति, जीव-जंतु, खनिज, सबका अथाह अमर्यादित उपभोग आज दुनिया को उस मोड़ पर ले आया है, जहां सब-कुछ स्वाहा हो रहा है।

जैनाचार्य ने कहा कि आज संसाधन कम पड़ रहे हैं। बीमारियां बढ़ रही हैं। भोग-उपभोग की अंतहीन भूख मनुष्य में पागलपन ला रही है। बेरोजगारी बढ़ रही है, परन्तु पैसों की कद्र घट रही है। छोटे और सामान्य लोग भी इस कदर पैसे उड़ा रहे हैं जैसे दुनिया में कोई गरीब नहीं है। बेरोकटोक कोई किसी भी वस्तु को व्यर्थ-बरबाद कर रहा है। समय, स्वास्थ्य, संबंध और मन की फिक्र नहीं है, सब मोबाइल पर टिके हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी वस्तु का पूरा-पूरा उपयोग करने के बजाय, उसे समय से पहले फेंका जा रहा है। नित नई वस्तुएं खरीदने का शौक बढ़ गया है। कितने कपड़े, कितना पानी, कितना भोजन रोज बरबाद हो रहा है। इन सबको देखकर स्पष्ट लगता है कि आने वाला जमाना बहुत विकट और मुश्किलों भरा होगा। इस संक्रमण काल में शास्त्रों से मार्गदर्शन लेना चाहिए। भोग-उपभोग का सीमांकन और मर्यादाओं का निर्धारण ही हमें तबाही से बचा सकता है। मन की इच्छा, तृष्णा और आकांक्षाओं को कम कर हम अपने दु:खों को दूर कर सकते हैं। आपके पास क्या है, यह महत्वपूर्ण नहीं, आप कैसा जीते हैं, यह बेहद महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ मैसूर, चिक्कमगलूरु, कडूर, बिरूर, भद्रावती, शिवमोग्गा आदि क्षेत्रों के श्राद्धालु उपस्थित थे।

इससे पूर्व पदयात्रा के जरिए बुधवार सुबह तरीकेरे पहुंचने पर श्राद्धालुओं ने संतगण का भावपूर्ण स्वागत किया। शांतिनाथ जिनालय में सामूहिक चैत्यवंदना हुई। दिन भर यहां दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *