दो विभागों से 15 लाख रुपए का गबन
कलबुर्गी. सरकारी नौकरी में लगे एक दम्पति ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए दो विभागों से लाखों रुपए का गबन करने की बात सामने आ गई है। अब, इसे वापस पाने के लिए बहुत मशक्कत करने की स्थिति बनी हुई है।
चिंचोली तालुक के दुत्तरगी टांडा के शिक्षक वेंकट यादव (जो अब कई वर्षों से अनाधिकृत अवकाश पर है) और रायचूर कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग की टाइपिस्ट चन्नम्मा को इसी मामले में निलंबित किया गया है। उन पर कर्नाटक सीमा विकास प्राधिकरण और कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग के टीएसपी अनुदान को केवल दस्तावेजों में ही मौजूद संगठन को देने के जरिए धोखा देने का आरोप है।
इस दम्पति ने सीमा विकास प्राधिकरण की ओर से सांस्कृतिक भवन निर्माण के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नाम मात्र के लिए श्रीराधाकृष्ण कला एवं सांस्कृतिक सीमा सेवा संस्था बीदर और बीदर जिला अनुसूचित जनजाति सांस्कृतिक संस्था नामक दो संगठनों का गठन कर अनुदान प्राप्त कर 2012-13 में धोखाधड़ी करने की पुष्टि की गई है परन्तु आश्चर्य की बात यह है कि अब तक सख्त कार्रवाई नहीं की गई है और न ही पैसा बरामद किया गया है।
अनुदान में कितनी धोखाधड़ी?
श्री राधाकृष्ण कला एवं सांस्कृतिक सीमा सेवा संस्था मुडबिवाड़ी, बसवकल्याण तालुक, बीदर जिले की संस्था को कर्नाटक सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने 5 लाख रुपए के तहत दो बार अनुदान जारी किया है। इसी इन दोनों संगठनों को ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपए के हिसाब से कुल पांच लाख रुपए सांस्कृतिक भवन के निर्माण के लिए टीएसपी अनुदान जारी कर दिया गया है। दम्पति ने दोनों विभागों से फर्जी संगठन के नाम पर कुल 15 लाख रुपए ठगे हैं। सवाल यह उठता है कि अनुसूचित जाति अनुदान के दुरुपयोग के बावजूद कोई एट्रोसिटी का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया।
दो एफआईआर दर्ज
कन्नड़ एवं संस्कृति विभाग ने मुडबिवाड़ी पुलिस थाने में 3 सितंबर, 2016 को एक एफआईआर भी दर्ज किया है। फर्जी संगठनों के बारे में जनता की शिकायतों के बाद, सीमा प्राधिकरण ने 20 सितंबर, 2017 को ग्रामीण पुलिस थाना, बसवकल्याण में एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राधिकरण की ओर से दर्ज की गई शिकायत के आधार पर, पुलिस ने आरोप पत्र तैयार कर इसे 2021 में अदालत में पेश किया है, और मामले की सुनवाई चल रही है।
इस दम्पति तथा सीमा प्राधिकरण के पूर्व सचिव एवं कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के सेवानिवृत्त उप सचिव एच.वी. रामचन्द्र राव, जो कि अभियुक्त ए-4 हैं, के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। 14 अक्टूबर 2024 को विधान परिषद आश्वासन समिति की बैठक में मामले पर चर्चा के बाद अनुदान वापस लेने का निर्णय लेते हुए विभाग की ओर से उनके खिलाफ जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है।
जांच चल रही है
सीमा क्षेत्र विकास प्राधिकरण से 10 लाख रुपए की राशि वसूलने के लिए सीमा विकास प्राधिकरण से पत्र प्राप्त हुआ है। वह अनधिकृत छुट्टी पर हैं और जांच चल रही है। यदि आरोप सिद्ध हो गए तो उन्हें बर्खास्त कर पैसा वसूला जाएगा।
–सूर्यकांत मदाने, डीडीपीआई
