शिवमोग्गा. हाल ही में राज्य के वन विभाग मंत्री की ओर से वन क्षेत्रों में गाय, भैंस व अन्य पालतू पशुओं को चरने से रोकने संबंधी आदेश जारी किया गया था। इसी आदेश के विरोध में कर्नाटक राज्य किसान संगठन ने सोमवार को सागर नगर में अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया।
सागर के वन विभाग डीएफओ कार्यालय के सामने किसान नेता दिनेश शिरवाल के नेतृत्व में गाय-भैंसों के साथ किसान जुटे और मंत्री के आदेश के खिलाफ नाराजगी जताई।
प्रदर्शन के दौरान जब वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने प्रदर्शन में लाई गई गायों को चारा खिलाया और प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि वन में पशुओं की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। इसके बाद मवेशियों के मालिकों ने प्रदर्शन वापस ले लिया।
किसानों की दलील
गाय-भैंसों के चरने से जंगल को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि उनकी बीट और गोबर से वनस्पतियों को लाभ होता है। प्रशासन को इस प्राकृतिक लाभ को समझना चाहिए परन्तु वन मंत्री का यह कहना कि पशु पेड़-पौधे खाकर जंगल नष्ट कर देते हैं, और इसलिए उनके प्रवेश पर रोक लगानी चाहिए — यह बेबुनियाद और मूर्खतापूर्ण आदेश है।
प्रदर्शनकारियों ने इस आदेश की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे निर्णयों से ग्रामीणों और पशुपालकों को परेशानी होती है, जो लंबे समय से जंगल किनारे अपने पशुओं को चराते आ रहे हैं।