कलघटगी में बारिश से कटाव को आई फसलों को नुकसानकलघटगी तालुक के गंजीगट्टी गांव में एक किसान के खेत में नमी के कारण मक्के के भुट्टे में फूटे अंकुर।

हाथ में आई फसल में भी फूटने लगे अंकुर
हुब्बल्ली. कलघटगी तालुक में लगातार बारिश के कारण कटाव के लिए आए मक्के के भुट्टों में अंकुर फूट रहे हैं, जिसके चलते किसान फसल को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं परन्तु तालुक प्रशासन और कृषि विभाग किसानों की मदद के लिए आने में देरी कर रहे हैं।
चालू सीजन में, तालुक में 17,223 हेक्टेयर में मक्का और 10,630 हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती की गई है परन्तु पहले से ही हो रही लगातार बारिश से फसल की पैदावार कम हुई है। अब प्राप्त फसल सुरक्षा के दौरान हाथ में आई फसल में भी अंकुर फूटने लगे हैं। जमीन पर गिरे भुट्टे अंकुर फूटने से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।

सडऩे की स्थिति में पहुंची
हर साल कम बारिश के मौसम की उम्मीद में स्थित किसान अच्छी फसल पाने के लिए बड़ी मात्रा में मक्के की बुआई की है। शुरू में नमी से भरपूर फसलें पिछले 15 दिनों से हो रही बारिश के कारण सडऩे की स्थिति में पहुंच गई हैं।

किसानों का कर्ज माफ करे
राज्य किसान संघ हरित सेना के जिला अध्यक्ष सिध्दय्या कट्नूरमठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिक बारिश के कारण फसल बर्बाद होने से किसान परेशान हैं। जिले के प्रभारी मंत्री और विधानसभा क्षेत्र के विधायक संतोष लाड अपने ही क्षेत्र को भूल गए हैं। राज्य और केंद्र सरकार आंखें मूंदकर बैठी हैं। अगर किसानों के प्रति सम्मान है तो उन्हें किसानों का कर्ज माफ करने की कार्रवाई करनी चाहिए।

नुकसान उठा रहे हैं किसान
गंजीगट्टी गांव के किसान निंगप्पा मुत्तन्नवर ने कहा कि पिछले साल, हरित सूखा घोषित करने के बाद, सरकार ने किसानों को केवल 2,000 रुपए मुआवजा देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। अपनी समस्या किसी को बताने से कोई फायदा नहीं है। किसानों को खुद अपना नुकसान उठाना पड़ता है।

खड़ी फसल सड़ रही है
भोगेनागरकोप्पा गांव के किसान शंकरप्पा दोड्डपुजार ने कहा कि चालू वर्ष में आठ एकड़ भूमि में सोयाबीन की फसल उगाई गई है तथा 2 एकड़ भूमि की फसल काटकर ढेर लगा दी गई है। यह बारिश के पानी में खड़ी होकर खराब हो रही है। शेष 6 एकड़ जमीन पर उगाई गई फसल पानी में खड़ी-खड़ी सड़ रही है।
बारिश और फसल क्षति के संबंध में संबंधित तहसीलदार कार्यालय से संपर्क करने पर तहसीलदार वीरेश मुलगुंदमठ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

मुआवजा दिलवाएं
लाखों रुपए खर्च कर बोई गई फसल कटाई से पहले ही सड़ रही है। क्षेत्र के मंत्री को अब तो मुआवजा दिलवाना चाहिए।
परशुराम एत्तिनगुड्ड, महासचिव, जिला गन्ना उत्पादक संघ

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